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अपर वन प्रमुख संरक्षक और भागीरथी वृत्त के वन संरक्षक ने किया टिहरी के जंगलों का दौरा, वनाग्नि से निपटने के दिए टिप्स - forest officials tehri tour

Forest officials visited Tehri forests उत्तराखंड में वनाग्नि से जंगल धधक रहे हैं. इसी बीच अपर वन प्रमुख संरक्षक नरेश कुमार और भागीरथी वृत्त के संरक्षक धर्म सिंह मीणा टिहरी पहुंचे. उन्होंने टिहरी में आग लगने की घटनाओं की जानकारी ली. जनता से भी आग बुझाने में सहयोग करने की अपील की.

TEHRI FOREST FIRE
टिहरी समाचार (Photo-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 3, 2024, 1:20 PM IST

टिहरी: अपर वन प्रमुख संरक्षक नरेश कुमार और भागीरथी वृत्त के वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने टिहरी जिले के गजा, चंबा, नई टिहरी के जंगलों का दौरा किया. वनों में जाकर टिहरी जिले के वन विभाग के द्वारा जंगलों को आग से बचने के लिए किए गए बचाव कार्यों की देखरेख की और जानकारी ली. साथ ही अपर वन प्रमुख संरक्षक नरेश कुमार ने कहा कि फायर सीजन में ही प्रचार प्रसार का कार्य नहीं करना चाहिए, बल्कि पूरे साल जंगलों को बचाने के लिए जन जागरूकता अभियान और प्रचार प्रसार का कार्य किया जाना चाहिए. जिससे गांव के लोग आग से जंगलों को बचाने का प्रयास कर सकें.

अपर वन प्रमुख संरक्षक नरेश कुमार ने कहा कि टिहरी जिले में जंगलों को आग से बचने के लिए हमने 50 से अधिक क्रू स्टेशन बनाए हैं. जैसे ही आग लगने की घटना मिलती है तो तत्काल वन विभाग की टीम आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंच जाती है. साथ ही प्रचार प्रसार के माध्यम से गांव के लोगों के साथ बैठक करके जंगलों को बचाने के लिए जानकारी दी जा रही है. अगर आग लगाते समय कोई भी पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वन विभाग के द्वारा जंगलों में आग बुझाने की कार्रवाई हर साल की तरह चलती ही रहती है. जंगलों में आग बुझाने के लिए सबसे पहले झापा का उपयोग करते हैं और आसानी से आग बुझ जाती है. लेकिन लेकिन अब आधुनिक युग में आग बुझाने के लिए वन विभाग की टीम को कई सामान उपलब्ध कराए गए हैं, जिनसे आग बुझाने का कार्य भी किया जा रहा है. इसका निरीक्षण भी किया गया. निरीक्षण के दौरान जिस तरह से झापा होता है उस तरह एक नया उपकरण बनाया गया है. लेकिन कर्मचारियों से जब बात की गई तो कर्मचारियों ने कहा कि यह आग बुझाते समय भारी महसूस होता है.

वहीं भागीरथी वृत्त के वन संरक्षक धर्म सिंह मीणा ने कहा कि जिन जगहों पर बारिश कम होती है, या ना के बराबर होती है, उन क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया है. वहां पर डीएफओ को फ्री छूट दे रखी है कि आवश्यकता अनुसार जितना स्टाफ चाहिए उतना लगायें. जिससे आग पर रोकथाम हो. साथ ही आग की रोकथाम के लिए ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जाए. सबसे अच्छी बात यह है कि आग बुझाने के लिए इस समय हमारे द्वारा सैटेलाइट बेस्ड तकनीकी है इसमें नासा और एनआरसी के सहयोग से फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से आग लगने की इनफॉरमेशन मिल रही है. अभी तक आग लगाने वाले 52 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. मानव और वन्य जीव संघर्ष को लेकर भी कहा कि इसमें वन विभाग पूरी तरह से मुआवजा देता है.
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