आगरा :जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा की. जिसमें पत्रावलियों के निस्तारण के मामले में सभी तहसीलों की स्थिति खराब मिली. समीक्षा बैठक में 2000 से अधिक पत्रावलियां लंबित होने की जानकारी पर डीएम ने इसे बड़ी लापरवाही मानकर सभी तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार, पत्रावलियों के निस्तारण में लगे नायब तहसीलदार व राजस्व अधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. डीएम आगरा की इस कार्रवाई से जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मच गई है.
बता दें, नामांतरण, सरकारी भूमि पर कब्जे, पैमाइश व अन्य राजस्व वादों की पत्रावलियों का दाखिला दफ्तर होता है. नियमानुसार आवेदन के एक माह में इनका निस्तारण करके पत्रावलियां रिकार्ड रूम में जमा हो जानी चाहिए. जबकि जिले में ऐसा नहीं हो रहा है. इसमें बाह तहसील में 5 वर्ष पुराने 16 मामले लंबित मिले. राजस्व वसूली में खेरागढ़, बाह और सदर तहसील की स्थिति खराब है. इसलिए पर भी डीएम ने नाराजगी जताई.
30 सितंबर तक करें राजस्व वसूली :सदर तहसील की बात करें तो यहां पर यूपी रेरा की 40 करोड़ रुपये की आरसी वसूली लंबित है. डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने समीक्षा बैठक में सदर तहसील के एसडीएम और जिम्मेदार अधिकारियों से कहा कि एक माह में शत प्रतिशत वसूली की जाए. डीएम ने परिवार न्यायालय के मामलों में 30 सितंबर तक राजस्व वसूली के निर्देश दिए हैं.