पटना :बिहार में मानसून शुरू होने के बाद से एक दर्जन से अधिक पुल-पुलिया गिर चुके हैं. सरकार की ओर से जांच भी कराई जा रही है. पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग अपने स्तर से पुल पुलिया की जांच करने में लगा है.
पुल-पुलिया पर बड़ा खुलासा :जल संसाधन विभाग ने एक दर्जन से अधिक जिलों में जांच के बाद चौंकाने वाली बात कही है. जल संसाधन विभाग ने कहा है कि 700 के करीब पुल-पुलिया ऐसे हैं, जिसे कौन बनाया इसकी कोई जानकारी नहीं है, पूरी तरह से लावारिस हालत में हैं. जल संसाधन विभाग ने इसके बाद अब पुल-पुलिया के स्ट्रक्चर के लिए एनओसी लेना जरूरी बनाने जा रही है. इसके लिए एसओपी बनाया है.
700 पुल पुलिया हैं लावारिस :बिहार के सभी पुल-पुलिया का हेल्थ कार्ड बनाने की तैयारी हो रही है, तो वहीं दूसरी तरफ जल संसाधन विभाग के एक दर्जन से अधिक जिलों में जांच में 700 के करीब ऐसे पुल पुलिया मिले हैं जिसका निर्माण किस विभाग ने किया किसके पास देख रेख की जिम्मेदारी है कुछ अता-पता नहीं लग रहा है.
बनाया गया SOP :जल संसाधन विभाग की ओर से सहरसा, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, मधेपुरा, सारण, सिवान, गोपालगंज, वैशाली, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, मधुबनी जैसे जिलों की जांच के बाद पुल पुलिया को लेकर प्रतिवेदन दिया गया है. उसके बाद ही अब जल संसाधन विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाया है, जिसमें पुल पुलिया के निर्माण के लिए मानक तय किया गया है.
''अब पुल-पुलिया के स्ट्रक्चर के लिए भी एनओसी लेना होगा. वैसे तो पहले से ही नहर नाले में पुल निर्माण के लिए जल संसाधन विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य है, अब उसे और सख्ती से लागू करने की तैयारी हो रही है.''- बिहार जल संसाधन विभाग