नई दिल्ली: दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए पीएम-उदय योजना के तहत आवेदनों को शीघ्र निपटाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आयोजित विशेष शिविर में दो दिनों के दौरान 6,654 लोगों ने हिस्सा लिया. यह शिविर 29 दिसंबर तक हर शनिवार व रविवार दिल्ली के अलग-अलग 10 स्थानों पर लगाए जाएंगे.
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर शुरू हुए इस अभियान के तहत मौजूदा आवेदनों में लंबित कमियों को दूर करने में विशेष सहायता, आवश्यक दस्तावेज जैसे कि आई बॉन्ड, नोटरीकरण तैयार करने में मदद, और पंजीकृत हुए लोगों को आवेदन भरने में सहायता मिल सकेगी. सोमवार को उपराज्यपाल ने बताया कि पीएम-उदय योजना के लिए पिछले 2 दिनों के दौरान अनधिकृत कालोनियों में ही डीडीए द्वारा आयोजित 10 विशेष शिविरों में 6,654 लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इसमें मालिकाना हक के लिए 1,028 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं.
उपराज्यपाल ने कही ये बात: इस दौरान 710 पुराने आवेदनों की कमियां दूर की गईं, 275 आवेदन अप्रूव हुए और 231 कन्वेंस डीड स्वीकृति किए गए. एलजी ने दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों से अपील की है कि वह आगामी शिविरों में ऐसे ही बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और दिल्ली के सभी कच्ची कालोनियों में मालिकाना हक दिलाने की प्रधानमंत्री की मुहिम में शामिल हों.
ऐसे ले सकते हैं योजना का लाभ: बता दें कि, दिल्ली में 1700 के करीब अवैध कॉलोनी में रहने वाले तकरीबन 40 लाख लोगों को जिन्होंने वहां पर संपत्तियों खरीदी, उनके पास पुख्ता दस्तावेज नहीं है. इसके चलते उन्हें अधिकृत रूप से उसे संपत्ति का मालिकाना हक नहीं मिल सका है. दशकों से इस तरह की समस्या को देखते हुए वर्ष 2019 में दिल्ली में पीएम-उदय योजना शुरू की गई, जिसके तहत अगर दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनी में कोई रहता है तो वहां रहने वाले लोग इस योजना का लाभ उठाकर संपत्ति का मालिकाना हक हासिल कर सकते हैं. योजना की शुरुआत में हजारों संख्या में आवेदन आए, मगर दस्तावेजों की कमी, अधिकृत लोगों के हस्ताक्षर जैसे मामूली त्रुटियों की वजह से लंबित आवेदनों की संख्या भी लाखों में पहुंच चुकी है, जिसका निस्तारण अब तक नहीं हो सका है.
40 लाख लोग रहते हैं कॉलोनियों में: वर्ष 2019 के आखिर में कॉलोनियों में संपत्ति की खरीद फरोख्त के लिए रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हुई थी. वर्ष 2020 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की खरीद बिक्री के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हुई थी. लेकिन, एक साल में पांच फीसदी संपत्तियां रजिस्ट्री नहीं हुई. इन कॉलोनियों में रहने वालों की तादाद 40 लाख से ऊपर है.