50वां खजुराहो नृत्य महोत्सव 20 फरवरी से, चंदेलों की धरती पर बिखरेंगे कला और संस्कृति के रंग, कथक कुंभ में बनेगा विश्व रिकॉर्ड - artists record in kathak kumbh
Khajuraho Dance Festival 2024: मध्य प्रदेश में 20 फरवरी से एक बार फिर चंदेलों की धरती शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुतियों से गुंजायमान होगी. एक सप्ताह तक चलने वाले खजुराहो डांस फेस्टिवल की शुरुआत होने जा रही है. नृत्य की गरिमा और शास्त्रीयता को डेडिकेट यह फेस्टिवल अपने 50 वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है.
खजुराहो।विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में 50वां खजुराहो नृत्य समारोह होने जा रहा है. 20 फरवरी से शुरु होने वाला समारोह 26 फरवरी तक चलेगा. खजुराहो नृत्य महोत्सव 1975 में शुरू हुआ था और इस वर्ष यह अपना स्वर्ण जयंती वर्ष मना रहा है. इस समारोह के ''स्वर्ण जयंती वर्ष'' को और अधिक दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए 'कथक कुम्भ' का भी आयोजन किया जाएगा. इस बार खजुराहो में समृद्ध संस्कृति और विरासत के साथ-साथ रोमांच भी भरपूर देखने को मिलेगा.
डांस फेस्टिवल में कथक कुंभ
इस बार का खजुराहो डांस फेस्टिवल कई मायनों में खास होने जा रहा है. खजुराहो नृत्य समारोह के 50 साल पूरे होने पर कथक-कुंभ का आयोजन किया जा रहा है. चंदेलों की धरती पर देशभर से विश्व प्रसिद्ध नर्कत अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. 1500-2000 कलाकार सामूहिक रूप से कथक कुंभ में भाग लेंगे, जिसको लेकर वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है. इसके अलावा महोत्सव में पहली बार लयशाला का आयोजन होगा. जिसमें भारत के नृत्य गुरु और शिष्यों का अनोखा संगम देखने को मिलेगा.
सैलानियों को मिलेगा भरपूर रोमांच
खजुराहो डांस फेस्टिवल में अब तक भारत की सभी प्रमुख शास्त्रीय नृत्य शैलियों जैसे भरतनाट्यम, ओडीसी, कथक, मोहिनीअटेम, कुचिपुड़ी, कथकली, यक्षगान, मणिपुरी आदि के कलाकार अपनी कला का जलवा विखेर चुके हैं. हर साल डांस फेस्टिवल में कुछ न कुछ हटकर आयोजन किया जाता है. इस बार कथक कुंभ का आयोजन होगा, जिसमें 1500 से 2000 कलाकार विश्व रिकॉर्ड बनाने की भरपूर कोशिश करेंगे. इसके साथ ही आने वाले सैलानियों को भरपूर रोमांच भी देखने को मिलेगा. स्काई डाइविंग, कैम्पिंग, ट्रेल जॉय राइड, वाटर एडवेंचर, स्पीड बोट, बनाना राइड, शिकारा बाइड, खजुराहो नाइट टूर, फॉर्म टूर जैसे प्रोग्राम भी आयोजित होंगे.
खजूराहो डांस फेस्टिवल की शुरुआत 1975 में हुई थी. तब से लेकर अब तक हर साल महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति ऐसी छटा बिखेरती है कि देखने वाले देखते ही रह जाते हैं. 1975 से अब तक उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी संस्कृति निदेशालय, मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के मंत्री धमेंद्र सिंह लोधी ने बताया कि ''खजुराहो डांस फेस्टिवल को शुरू करने का मकसद शास्त्रीय नृत्यों का संरक्षण ही नहीं बल्कि लोगों को इसकी अनुभूति कराने और कलाकारों को प्रोत्साहित करना है.''