हरदा : हरदा जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर स्थित नीलगढ़ में ग्रामीणों की परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है. इस गांव तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं. हालत ये है कि ढाई साल पहले बनी ग्राम पंचायत नीलगढ़ पंचायत भवन तक नहीं है. पंचायत दफ्तर सचिव की बाइक पर चलता है. गांव में आंगनवाड़ी और स्कूल भी जर्जर हालत में हैं. ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत भवन नहीं होने से यहां यही पता नहीं चलता कि सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किससे बात की जाए.
आंगनवाड़ी व प्राइमरी स्कूल भवन जर्जर
ग्रामीण बताते हैं कि ग्राम पंचायत की कभीकभार बैठक होती है तो केवल औपचारिकता के लिए. किसी के भी घर में बैठक कर ली जाती है. कभी मंदिर प्रांगण में तो कभी किसी पेड़ के नीचे. ग्राम पंचायत सचिव ग्रामीणों के जरूरी दस्तांवेज अपनी बाइक पर लेकर ही चलता है. गांव में सड़क नहीं होने से यहां गंदगी का अम्बार लगा रहता है. यही हाल यहां की आंगनवाड़ी का भी है. यहां की आंगनवाड़ी भी पुराने कच्चे टूटे मकान मे ही संचालित हो रही है, जिसमे 40 बच्चों को शिक्षा मिल रही है.
- विदिशा सीएम राइज स्कूल के निर्माण पर उठे सवाल, प्रिंसिपल ने लगाए ये आरोप
- सिंगरौली में पानी ढो रहे स्कूली बच्चे, रोड क्रॉस करने के दौरान हो सकता है बड़ा हादसा
ग्राम पंचायत सचिव ने सुनाई मजबूरी
गांव में कक्षा 1 से 5वीं तक स्कूल के दो कमरे हैं और दो शिक्षक मौजूद हैं. स्कूल के कमरे भी जर्जर हालत मे हैं. एक कक्ष के ऊपर पानी की टंकी रखी हुई है, जिसका नल कनेक्शन भी नहीं किया गया. स्कूल के बच्चे टॉयलेट जाने के लिए पानी के डिब्बे का इस्तेमाल करते हैं. स्कूल हेडमास्टर वीरेंद्र कुमार नायर का कहना है "शासन ने यहां पर अतिरिक्त कक्ष बनवाए हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता ठीक नहीं होने से बारिश में कमरे में छत से पानी गिरता है." वहीं पंचायत सचिव अर्जुन सिंह कलम का कहना है "हमने पंचायत भवन के लिए दो बार प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया लेकिन अभी तक प्रस्ताव पास नहीं हो पाया."