बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पटना में खुदाई से निकला अजूबा शिव मंदिर, 1000 साल मिट्टी में दबे होने पर भी चमक बरकरार - SHIV TEMPLE FOUND IN PATNA

पटना में यूपी के संभल की तर्ज पर भव्य शिव मंदिर मिला है. यह ऐसी जमीन पर था, जो सालों से कूड़े-कचरे से ढका था.

SHIV TEMPLE FOUND IN PATNA
पटना सिटी में शिव मंदिर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 7, 2025, 5:39 PM IST

पटना: बिहार में ऐतिहासिक और पुरातात्विक साक्ष्य भरे पड़े हैं. मौर्य कालीन पुरातात्विक अवशेष तो पहले से ही हैं लेकिन अब पाल कालीन कला के साक्ष्य भी मिलने लगे हैं. पटना में एक अजूबा मंदिर मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है, हजारों की संख्या में लोग मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

मंदिर के दीवारों में नजर आती है पाल कला: सम्राट अशोक के शासनकाल में राजधानी पटना शासन प्रशासन का केंद्र हुआ करता था. आठवीं से दसवीं शताब्दी के बीच राजधानी पटना पाल कला का भी केंद्र हुआ करता था. अब पटना में पलकालीन अवशेष मिलने लगे हैं. राजधानी पटना के सिटी इलाके में एक मंदिर के अवशेष मिले हैं जिसे देखने हजारों की भीड़ उमड़ रही है.

1000 साल पुराना है शिव मंदिर (ETV Bharat)

शिवलिंग की पूजा के लिए उमड़ी भीड़: पटना सिटी इलाके के नारायण बाबू मोहल्ले में इन दिनों शिव भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है. दरअसल एक पुराने मकान के अंदर अनोखी मंदिर की सुव्यवस्थित आकृति मिली है. मंदिर कई सालों से मिट्टी के अंदर जमीन में दबा हुआ था लेकिन खुदाई के दौरान लोगों को मंदिर की आकृति मिली. पहले बड़े से मंदिर के अंदर एक छोटे मंदिर का निर्माण कराया गया था. छोटे मंदिर के अंदर शिवलिंग स्थापित है. मंदिर की चमक और खूबसूरती आज भी बरकरार है.

गोमुख के जरिए जल निकासी की व्यवस्था: मंदिर का निर्माण लाहौरी ईंट के द्वारा कराया गया है. बता दें कि यह ईंट काफी पतला होता है. मंदिर में प्रवेश के लिए चार दरवाजे हैं, जिसमें की दो फिलहाल बंद है. मंदिर के अंदर वाली मंदिर को काले एकाश्म पत्थर से बनाया गया है. शिवलिंग के सामने विष्णु भगवान के चरण है और गोमुख के जरिए जल निकासी की व्यवस्था है.

पटना सिटी में शिव मंदिर मिला (ETV Bharat)

कितना पुराना हो सकता है ये मंदिर: पटना विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर और पुरातत्वविद जयदेव मिश्रा ने कहा है कि यह मंदिर हजार साल पुराना हो सकता है. पाल काल में राजधानी पटना मिलिट्री कैंटोनमेंट हुआ करता था. खालिमपुर अभिलेख से इस बात की पुष्टि भी होती है. हालांकि पाल वंश के राजाओं की राजधानी मुंगेर हुआ करती थी. पाल काल में शैव, वैष्णव और शाक्त धर्म को संरक्षण मिलता था और उसी शैली में मंदिर निर्माण होता था.

"जो मंदिर मिला है, वह पाल काल का प्रतीत होता है. पाल वंश के शासनकाल में शैव और वैष्णव धर्म को संरक्षण मिलता था और उसी काल में गोमुख बनाने की परंपरा शुरू हुई थी."-जयदेव मिश्रा, पुरातत्वविद

पाल काल की मिट्टी में दफन था मंदिर (ETV Bharat)

अनोखा है ये मंदिर: स्थानीय लोगों ने फिलहाल व्यवस्था संभाल रखी है लेकिन हजारों की भीड़ को मैनेज करना उनके बस की बात नहीं है. स्थानीय युवक रवि ने कहा कि उन लोगों ने साफ सफाई की है और यह एक अनोखा मंदिर है. देश में ऐसा मंदिर कहीं उन लोगों को देखने को नहीं मिला है. जिला प्रशासन को मंदिर की व्यवस्था ठीक करने में मदद करनी चाहिए.

"मंदिर के ऊपर 5 किलो सोना लगा था, वह भी गायब कर दिया गया था. यह मंदिर पूरे देश में अपने तरह का एक अनोखा मंदिर है. शिवलिंग और विष्णु भगवान के चरण एक साथ काफी कम देखने को मिलते हैं."-राजेश, स्थानीय

उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम (ETV Bharat)

मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन: स्थानीय थाने के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं. भारी भीड़ के कारण पुलिस प्रशासन को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सुलतानगंज थाना के प्रभारी अजय कुमार ने कहा कि हम लोग भीड़ मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं.

"श्रद्धालुओं की काफी भीड़ यहां पहुंच रही है. इसे लेकर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी या पदाधिकारी नहीं पहुंचे हैं."- अजय कुमार, थाना प्रभारी, सुलतानगंज

पढ़ें-महावीर मंदिर ट्रस्ट ने तत्काल दी 2 लोगों को संचालन की जिम्मेदारी, सचिव की नियुक्ति तक संभालेंगे काम - MAHAVEER MANDIR TRUST

ABOUT THE AUTHOR

...view details