लखनऊ :नीट काउंसिलिंग की तैयारी हर स्तर पर हो चुकी है. 14 अगस्त से पहले काउंसिलिंग शुरू हो रही है. बहुत सारे ऐसे स्टूडेंट्स की उम्मीद टूट चुकी थी. उन्हें 640 अंक प्राप्त होने के बाद भी उन्हें दाखिला नहीं मिल पाएगा, लेकिन अब उनकी उम्मीद जग गई है. स्टूडेंट काउंसिलिंग की तैयारी कर रहे हैं. अपने सीनियर से बातचीत कर रहे हैं कि काउंसिलिंग के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए. क्या-क्या दस्तावेज जरूरी होते हैं, जो काउंसिलिंग के दौरान लगते हैं.
चिकित्सा शिक्षक शाहनवाज खान ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि इस समय बहुत सारे स्टूडेंट के अंदर उम्मीद जग गई है कि अब उन्हें एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल पाएगा. ऐस में गल्तियों से बचना है. चॉइस फिलिंग या फिर किसी दस्तावेज में कमी से दाखिला रद्द हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि काउंसलिंग के दौरान सावधानी बरतनी होगी.
नीट यूजी में काउसिलिंग की जरूरी बातें. (Photo Credit: ETV Bharat) शाहनवाज खान के मुताबित नीट यूजी काउंसिलिंग में भाग लेने जा रहे स्टूडेंट्स को क्लास 10वीं एवं 12वीं की मार्कशीट और प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), वैध पहचान प्रमाण, रंगीन पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, स्कैन किए हुए हस्ताक्षर, ट्रांसफर सर्टिफिकेट, दिव्यांग प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) की आवश्यकता होगी.
नीट यूजी परीक्षा पांच मई को हुई थी. इसका रिजल्ट 4 जून को जारी हुआ था. नीट यूजी पेपर लीक होने की वजह से यह चर्चा में बना रहा है. 1563 स्टूडेंट्स को दोबारा परीक्षा देनी पड़ी. जिसका रिजल्ट एक जुलाई को जारी किया जा चुका है. नीट यूजी काउंसिलिंग प्रक्रिया अगले हफ्ते से शुरू होने जा रही है.
नीट यूजी में सीट आवंटन प्रक्रिया. (Photo Credit: ETV Bharat) नीट यूजी काउंसिलिंग रजिस्ट्रेशन: चिकित्सा शिक्षक शाहनवाज खान ने बताया कि नीट यूजी काउंसिलिंग की शुरुआत रजिस्ट्रेशन से होती है. उम्मीदवारों को निर्धारित समय अवधि के दौरान एमसीसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होता है. नीट यूजी काउंसिलिंग रजिस्ट्रेशन फॉर्म में नीट यूजी रोल नंबर, पंजीकरण संख्या और अन्य डिटेल्स एंटर करनी होती हैं. यह सभी चीज भरते समय बहुत ही सावधानी बरतनी होती है, ताकि कोई भी चीज गलत न जाए.
चॉइस फिलिंग और लॉकिंग : चिकित्सा शिक्षक शाहनवाज खान के मुताबिक नीट यूजी काउंसलिंग का दूसरा चरण चॉइस फिलिंग और लॉकिंग है. इसमें उम्मीदवार को अपनी रैंक, सीट की उपलब्धता और अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर पसंदीदा मेडिकल कॉलेज और कोर्स सेलेक्ट करना होता है. फिर अपनी चॉइस को फाइनल करने के लिए ऑप्शन को लॉक करना होता है.
यह भी पढ़ें : पेपर लीक मामले पर मायावती का ट्वीट, लिखा- नीट यूजी पीजी परीक्षा को समाप्त कर पुरानी व्यवस्था हो बहाल - NEET paper leak case
यह भी पढ़ें : 'परीक्षा रद्द करने से लाखों ईमानदार...', NEET-UG 2024 पर सुप्रीम कोर्ट से बोला केंद्र - Supreme Court