बगहा :विश्व मगरमच्छ दिवस (World Crocodile Day) के मौके पर 15 और 16 जून की शाम वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, वन विभाग और स्थानीय प्रशिक्षित ग्रामीणों के सहयोग से गंडक नदी में 160 घड़ियाल के बच्चों को छोड़ा गया. दरअसल विगत तीन माह से गंडक नदी किनारे 6 जगहों पर घड़ियाल के अंडों का संरक्षण किया जा रहा था. जिसके बाद उनका हेचरी कराया गया और फिर गंडक नदी में छोड़ दिया गया.
अब तक 600 घड़ियाली बच्चों को छोड़ा गया : घड़ियाल के इन अंडों के संरक्षण और प्रजनन में लॉस एंजिल्स जू कैलिफोर्निया का भी सहयोग मिलता है. इसकी देखरेख में WTI और वन एवं पर्यावरण विभाग घड़ियालों के संरक्षण और संवर्धन में जुटा है. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के प्रमुख सुब्रत बहेरा ने बताया कि वर्ष 2013 से गंडक घड़ियाल रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत घड़ियालों की संरक्षण की दिशा में तेजी लाया गया. जिसके अंतर्गत वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, वन विभाग और स्थानीय प्रशिक्षित ग्रामीणों की मदद से विगत दस वर्षों में 600 से ज्यादा घड़ियाल के बच्चों को नदी में छोड़ा गया है
''अंडों के संरक्षण और उनके प्रजनन कराने की प्रक्रिया मार्च के महीने से शुरू हो जाती है. जब मादा घड़ियाल नदी के पास बालू के ऊंचे टीले पर घोंसला बनाकर अंडे देती है. इसके बाद करीब दो से तीन महीनों में अंडे से बच्चे बाहर आते हैं.''- सुब्रत बहेरा, प्रमुख, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया
सुब्रत बहेरा ने बताया की इस वर्ष बगहा के धनहा-रतवल पुल के समीप घड़ियाल के अंडों के 5 घोंसले पाए गए थे, जिसमें से 4 घोसलों से 127 बच्चों का प्रजनन कराया गया. वहीं पहली मर्तबा बिहार के बगहा सीमा से सटे उत्तरप्रदेश के सोहगी बरवा के साधु घाट पर एक घोंसला पाया गया था जिसमें से 33 बच्चे निकले. एक घोंसला से अभी प्रजनन नहीं कराया गया है.