अलवर : हिमाचल की सबसे दुर्गम यात्रा मानी जाने वाली मणिमहेश के लिए मंगलवार को अलवर से 16 सदस्यीय दल रवाना हुआ. नवयुवक मंडल की यह यात्रा करीब 10 दिन में पूरी होगी. अलवर केडलगंज नवयुवक मंडल के सदस्य हिमांशु ने बताया कि अलवर के नवयुवकों द्वारा यह यात्रा बीते 14 सालों से लगातार की जा रही है. कभी चार लोगों से शुरू हुई ये यात्रा आज 16 सदस्यों तक पहुंच गई है. हर साल इस यात्रा पर एक से दो लोग नए जुड़ते हैं. उन्होंने बताया कि अलवर से यह टूर आठ दिनों का रहेगा, जिसमें तीन दिन पैदल यात्रा की जाएगी.
हिमांशु ने बताया कि वो अलवर से चलकर पठानकोट पहुंचेंगे. उसके बाद पठानकोट से बस में बैठकर भरमौर जाएंगे. वहीं, भरमौर से मणिमहेश की 3 दिन की यात्रा की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि यह यात्रा साल में केवल 15 दिनों के लिए रहती है. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं. यात्रा के दौरान वहां स्थानीय ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं की जाती हैं. हालांकि, यात्री अपने साथ अपना सामान लेकर जाते हैं. उन्होंने कहा कि वहां काफी ठंड रहती है, इसके लिए सभी लोग अपनी तैयारी के साथ यात्रा पर निकलते हैं और गर्म कपड़े लेकर जाते हैं.