कोटपूतली-बहरोड : सांसद हनुमान बेनीवाल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले में हुए हादसे में शहीद हुए एएसआई के घर पहुंचे. यहां उन्होंने मृतक एएसआई सुरेंद्र चौधरी को श्रद्धांजलि दी. बेनीवाल ने परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया.
इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ओला का निधन बहुत दुःखद है. ड्यूटी निभाते हुए दिवंगत हुए सुरेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री की जान बचाने के लिए शहादत दी है. मुख्यमंत्री या तो समझदार नहीं हैं या बात उनकी समझ के परे है कि उनकी जान बचाने वाले के परिवार को अगर दर-दर की ठोकर खानी पड़े तो ये कैसे मुख्यमंत्री हैं? राजस्थान के लोग मजाक बनाते हैं कि ये खुद कोई फैसला ले ही नहीं सकते। कांग्रेस सरकार ने उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में दो नौकरियां दी. उन्होंने खुद भी कई नौकरियां दिलाई हैं.
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मुख्यमंत्री से अपील है कि इस मामले में किसी तरीके की राजनीति न करें. हमारे समाज की जगह किसी और समाज का व्यक्ति होता तो अभी तक शहीद का दर्जा भी मिल जाता. बीजेपी किसान और जवान को वोट के समय याद करती है. इनकी कथनी और करनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि वो परिवार के साथ हैं. अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे. हर बात दिल्ली से नहीं पूछनी होती. मुख्यमंत्री को ज्ञान नहीं है उनको अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन अधिकारी भी फोन नहीं उठा रहे.
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मृतक एएसआई के परिवार ने दी थी चेतावनी : इस मामले में ओला के परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने कुछ दिनों पहले नीमराना थाने के बाहर प्रदर्शन किया था. परिजनों ने सरकार की निष्क्रियता के प्रति अपना रोष व्यक्त करते हुए 10 जनवरी से धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी. परिजनो ने आरोप लगाया था कि घटना के 23 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार से किसी भी प्रकार की सहायता नहीं मिली. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 20 दिसंबर को उनके गांव माजरा काठ में जाकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.