शिमला: हिमाचल प्रदेश में नशे का फैलता जाल हर किसी के लिए चिंता का विषय है. मंगलवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान नशा तस्करी के मामलों से लेकर नशे से होने वाली मौत और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठा है, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
नशे की ओवरडोज से 11 मौतें, सिर्फ एक नशा केंद्र
विधानसभा सत्र के मानसून सत्र के छठे दिन सरकार की ओर से बताया गया कि फरवरी 2023 से जुलाई 2024 के बीच करीब डेढ साल में हिमाचल में नशे की ओवरडोज से 11 लोगों की मौत हुई है. इसी दौरान कुल 2947 मामले नशा तस्करी के दर्ज हुए हैं. जिनपर कानून के तहत कार्रवाई की गई है. दरअसल करसोग से बीजेपी विधायक दीपराज और इंदौरा से विधायक मलेंद्र राजन ने नशा तस्करी से जुड़े मामलों को लेकर पिछले डेढ साल के आंकड़े पूछे गए थे.
बीजेपी विधायकों ने प्रदेश में और खासकर सीमा क्षेत्र यानी पंजाब से लगते इलाकों में चलाए जा रहे नशा मुक्ति केद्रों की जानकारी भी मांगी गई थी. जिसपर सरकार ने बताया कि प्रदेश में एक नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा है और सीमा क्षेत्र में एक भी नशा मुक्ति केंद्र नहीं है.
नशा तस्करों की 11 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त
बीजेपी विधायक की ओर से पूछा गया था कि बीते डेढ साल में नशा तस्करी से कमाई गई कितनी संपत्ति जब्त की गई है. सरकार की ओर से लिखित जवाब में बताया गया कि बीते डेढ साल में 11 करोड़ 5 लाख 79 हजार 319 रूपये की संपत्ति जब्त की गई है. इसमें पुलिस जिला नूरपूर के डमटाल, इंदौरा, नूरपुर थाने के अलावा मंडी जिले के औट और हटली थाना, सोलन के धर्मपुर थाने का एक मामला है. इस तरह कुल 7 मामलों में 11 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है.
सरकार नशे की रोकथाम के लिए क्या कर रही है ?
विपक्षी विधायक की ओर से पूछे गए इस सवाल के जवाब में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. जिसमें कानून को कठोरता से लागू करने से लेकर जागरुकता फैलाने जैसे कदम भी शामिल हैं.
- - नशा तस्करी के खिलाफ बने कानूनों को कठोरता से लागू किया जा रहा है.
- -हिमाचल सरकार द्वारा एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
- - नारकोटिक ड्रग से जुड़े मामलों को लेकर हर पुलिस थाने में एक अलग रजिस्टर तैयार किया गया है जिसमें नशीले पदार्थों की तस्करी के अपराधियों का पूरा ब्यौरा रखा जाता है.
- -जो अपराधी जेल से सजा काटकर आते हैं उनपर भी निगरानी रखी जाती है.
- -नशा तस्करी से बनाई गई अवैध संपत्ति को भी कानून के प्रावधानों के तहत जब्त किया जा रहा है.
- - साथ ही प्रदेशभर में भांग और अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते हैं.
- -पुलिस की ओर से समाज में और खासकर युवाओं के बीच नशे के खिलाफ जागरुकता फैलाने का काम किया जा रहा है.
- - हर पुलिस थाना स्तर पर नशा निवारण समितियों का गठन किया गया है.
- -नशे के सौदागरों की जानकारी देने के लिए टोल फ्री नंबर 1908 शुरू किया गया है जिसपर कोई भी व्यक्ति कभी भी अवैध तस्करी की सूचना दे सकता है.
- -नशे के फैलते जाल को रोकने के लिए नशा मुक्त हिमाचल मोबाइल ड्रग फ्री ऐप को शुरू किया गया है. जिसे लेकर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं.
- -देश के उत्तरी राज्यों का पंचकूला में एक समन्वय सचिवाल खोला गया है जिसमें हिमाचल प्रदेश पुलिस के कर्मचारियों को तैनात किए गए हैं. इसका उद्देश्य नशे से संबंधित जानकारी के आदान-प्रदान के जरिये नशे को रोकना है.
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