Ashadha Gupt Navrati Date 2024: पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि इस साल 6 जुलाई से शुरू होगी. गुप्त नवरात्रि में माता का पूजन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है, लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जिनको करने से माता रुष्ट हो जाती हैं और भक्तों को परेशानियां झेलनी पड़ती है.
क्या है गुप्त नवरात्रि ?
पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्रि सामान्य नवरात्रि की तरह साल में दो बार मनाई जाती है, जिसमें आषाढ़ के शुक्ल पक्ष और माघ के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि का पर्व आता है. जिस तरह से चैत्र मास की नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में पूजा की जाती है इस तरह घट और कलश स्थापना भी गुप्त नवरात्रि में की जाती है.
कैसे करें पूजा, जानें विधि
साल 2024 में गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है जो 15 जुलाई को तक चलेगी. 6 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर माता की कलश स्थापना की जानी चाहिए और उसके बाद सुबह शाम पूजा अर्चना के बाद माता की आरती करने का विशेष प्रावधान है. इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से माता की विशेष कृपा होती है. शास्त्र में कहा गया है की महिलाओं का मासिक धर्म के दौरान गुप्त नवरात्रि में पूजा करना वर्जित है. गुप्त नवरात्रि में व्रत का विशेष महत्व है गुप्त नवरात्रि की अगर पूजा करें तो पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करना जरूरी होता है.
विशेष मनोकामना और तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि की होती है पूजा