रांची: दुनियाभर में मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्यौहार इस बार 14 जनवरी को विशेष महत्व के साथ मनाया जाएगा. धार्मिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व रखने वाला यह पर्व सनातन धर्मावलंबियों के लिए खास महाकुंभ के आगमन के साथ ही होगा.
देशभर में विभिन्न नामों से मनाए जाने वाले मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व होता है, जो इस साल 14 जनवरी को सूर्योदय के बाद से दोपहर 2.30 बजे तक पुण्यकाल में किया जाएगा. मान्यता है कि मकर संक्रांति के अवसर पर किया गया दान क्षय नहीं होता, यानी अक्षय होता है.
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य गौतम विद्या का कहना है कि इस दिन श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुसार अन्न, वस्त्र आदि दान कर सकते हैं, जो बहुत पुण्यदायी होता है. इस अवसर पर अपने पूर्वजों को याद करते हुए दान करने की परंपरा रही है, जो बहुत शुभ और फलदायी होता है.
खरमास समाप्त होगा, मांगलिक कार्य होंगे शुरू
मकर संक्रांति के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा और मांगलिक कार्य की शुरुआत होगी. 14 जनवरी के बाद शुभ मुहूर्त में विवाह, उपनयन, मुंडन, गृहप्रवेश जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. इस पर्व की विशेषता यह है कि इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है. यह पर्व उस दिन मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है.