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पितृ पक्ष शुरू होते ही साहिबगंज के गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़, तर्पण कर पितरों से मांगा आशीर्वाद - Pitru Paksha 2024 - PITRU PAKSHA 2024

Pitru paksha in Sahibganj. सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व माना गया है. 15 दिनों तक चलने वाले इस पक्ष में पितरों के नाम तर्पण किया जाता है. इसकी शुरुआत 17 सितंबर से हो गई है. साहिबगंज के विभिन्न गंगा घाटों पर तर्पण करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

Tarpan To Ancestors
साहिबगंज गंगा घाट पर तर्पण करते लोग. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 18, 2024, 2:53 PM IST

साहिगंज: पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. इस बार लोग दो अक्टूबर तक अपने पितरों को तर्पण कर सकेंगे. मान्यता है कि पितृ पक्ष में तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और तर्पण करने वालों को सुख-शांति मिलती है.

साहिबगंज गंगा घाट पर तर्पण करते लोग और जानकारी देते पुरोहित. (वीडियो-ईटीवी भारत)

गंगा घाटों पर तर्पण करने उमड़ी भीड़

पितृ पक्ष के पहले दिन साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पुरोहितों ने विधि-विधान से लोगों को तर्पण कराया. वहीं कई लोगों ने खुद गंगा स्नान कर माता-पिता और अपने पूर्वजों के नाम पर तर्पण किया. वहीं शहर के चानन घाट, शकुंतला सहाय घाट, कबूतर खोपी घाट और ओझा टोली घाट पर भी लोग पितरों को तर्पण करते नजर आए.

पितृ पक्ष में ये कार्य हैं वर्जित

पुरोहितों ने बताया कि पितृ पक्ष में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. साथ ही इस बीच घर में मांस, मदिरा का सेवन वर्जित रहता है. यहां तक की नाखून और बाल तक कटाने की मनाही होती है. अंतिम दिन विसर्जन कर पुरोहित को दान करने के बाद कोई शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है.

महिलाओं ने भी किया तर्पण

पितृ पक्ष में तर्पण करने के लिए गंगा घाट पर कई महिलाएं भी नजर आईं. जिन दंपती के पुत्र नहीं हैं और सिर्फ लड़कियां हैं यदि वो लड़की अपने कुल का तर्पण करती हैं तो पितृ की आत्मा की शांति मिलती है और पितृ प्रसन्न होते हैं.

ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में मरे हुए पूर्वज धरती पर विचरण करते हैं. इनकी चाहत रहती है कि कुल का कोई भी वंश उन्हें पानी पिलाए. पिछले साल भी कई लड़कियां अपने माता-पिता और पति को तर्पण करते नजर आयी थीं.

पूर्वजों से आशीर्वाद लेने का समय है पितृ पक्ष

इस संबंध में पुरोहित बुल्लू बाबा कहते हैं कि पितृ पक्ष पूर्वजों से आशीर्वाद लेने का अवसर होता है. साल भर में पितृ पक्ष ही ऐसा समय है जब हमारे पितर धरती पर उतरते हैं. वो साल भर से प्यासे रहते हैं. उनको यह आशा रहती है कि कुल का कोई वंश आएगा और तर्पण कर उन्हें संतुष्ट करेगा. ऐसा करने से उनका आशीर्वाद सीधे-सीधे तर्पण करने वाले को प्राप्त होता है.

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Video: पितृ पक्ष के अंतिम दिन तर्पण के लिए साहिबगंज गंगा घाट पर उमड़े लोग

साहिगंज: पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. इस बार लोग दो अक्टूबर तक अपने पितरों को तर्पण कर सकेंगे. मान्यता है कि पितृ पक्ष में तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और तर्पण करने वालों को सुख-शांति मिलती है.

साहिबगंज गंगा घाट पर तर्पण करते लोग और जानकारी देते पुरोहित. (वीडियो-ईटीवी भारत)

गंगा घाटों पर तर्पण करने उमड़ी भीड़

पितृ पक्ष के पहले दिन साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पुरोहितों ने विधि-विधान से लोगों को तर्पण कराया. वहीं कई लोगों ने खुद गंगा स्नान कर माता-पिता और अपने पूर्वजों के नाम पर तर्पण किया. वहीं शहर के चानन घाट, शकुंतला सहाय घाट, कबूतर खोपी घाट और ओझा टोली घाट पर भी लोग पितरों को तर्पण करते नजर आए.

पितृ पक्ष में ये कार्य हैं वर्जित

पुरोहितों ने बताया कि पितृ पक्ष में कोई शुभ कार्य नहीं होता है. साथ ही इस बीच घर में मांस, मदिरा का सेवन वर्जित रहता है. यहां तक की नाखून और बाल तक कटाने की मनाही होती है. अंतिम दिन विसर्जन कर पुरोहित को दान करने के बाद कोई शुभ कार्य शुरू किया जा सकता है.

महिलाओं ने भी किया तर्पण

पितृ पक्ष में तर्पण करने के लिए गंगा घाट पर कई महिलाएं भी नजर आईं. जिन दंपती के पुत्र नहीं हैं और सिर्फ लड़कियां हैं यदि वो लड़की अपने कुल का तर्पण करती हैं तो पितृ की आत्मा की शांति मिलती है और पितृ प्रसन्न होते हैं.

ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में मरे हुए पूर्वज धरती पर विचरण करते हैं. इनकी चाहत रहती है कि कुल का कोई भी वंश उन्हें पानी पिलाए. पिछले साल भी कई लड़कियां अपने माता-पिता और पति को तर्पण करते नजर आयी थीं.

पूर्वजों से आशीर्वाद लेने का समय है पितृ पक्ष

इस संबंध में पुरोहित बुल्लू बाबा कहते हैं कि पितृ पक्ष पूर्वजों से आशीर्वाद लेने का अवसर होता है. साल भर में पितृ पक्ष ही ऐसा समय है जब हमारे पितर धरती पर उतरते हैं. वो साल भर से प्यासे रहते हैं. उनको यह आशा रहती है कि कुल का कोई वंश आएगा और तर्पण कर उन्हें संतुष्ट करेगा. ऐसा करने से उनका आशीर्वाद सीधे-सीधे तर्पण करने वाले को प्राप्त होता है.

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