बोकारो: जगन्नाथ रथ यात्रा से पूर्व शनिवार को देव स्नान पूर्णिमा पर बोकारो के सेक्टर 4 स्थित जगन्नाथ मंदिर में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया गया है. इस दौरान मंदिर में विधि विधान से भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की पूजा-अर्चना की गई. शनिवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और बहन सुभद्रा को सहस्त्रधारा स्नान कराया गया. मान्यता है कि पूर्णिमा स्नान में ज्यादा नहाने के कारण भगवान बीमार हो जाते हैं इसलिए उनका उपचार किया जाता है. इस दौरान उन्हें कई औषधियां दी जाती है. इसके बाद पूरे 14 दिन तक भगवान का दर्शन बंद रहता है.
अब 14 दिनों बाद भगवान जगन्नाथ देंगे दर्शन, मनाया जाएगा नेत्र उत्सव
14 दिन बाद अषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा तिथि को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाते हैं और उस दिन भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं. उस दिन मंदिर में नेत्र उत्सव का भी आयोजन किया जाता है. नेत्र उत्सव को नव यौवन दर्शन भी कहा जाता है. इस साल नेत्र उत्सव 6 जुलाई 2024 को होगा.
ढाई हजार साल पुरानी परंपरा है देव स्नान
इस संबंध में जगन्नाथ मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ के स्नान यात्रा पूजा की परंपरा लगभग ढाई हजार साल पुरानी है. इस पूजा को रीति रिवाज के साथ किया जाता है. वहीं उत्कल सेवा समिति के सचिव डॉ यूके मोहंती ने बताया कि भगवान जगन्नाथ सुभद्रा और बलभद्र को बाहर निकाला गया है. स्नान करने के बाद वह रात्रि 8:30 बजे मंदिर में चले जाएंगे. इसके बाद परंपरा के मुताबिक 14 दिनों तक मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे. 15 दिन बाद यानी 7 जुलाई को फिर भगवान दर्शन देंगे.
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