पाकुड़: जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के झेनागढ़िया गांव में फाइलेरिया की दवा खिलाने पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की किये जाने और बंधक बना लिए जाने की खबर है. मामले की जानकारी मिलते ही लिट्टीपाड़ा थाने की पुलिस पहुंची और लोगों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया.
मिली जानकारी के मुताबिक फाइलेरिया की दवा खिलाने के बाद एक दर्जन से अधिक बच्चों को उल्टी हुई. बच्चों को उल्टी होने की जानकारी मिलते ही लोग पहुंचे और अपना विरोध जताया. इसी दौरान कुछ ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मी शिलु शालिनी मुर्मू, रिंकी निशि हेम्ब्रम, चार्लेश किस्कू के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट करने लगे.
जानकारी मिलते ही बीडीओ संजय कुमार एवं थानेदार अभिषेक कुमार दलबल के साथ झेनागढ़िया गांव पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया. अधिकारी वैसे बच्चे जिन्हें उल्टी की शिकायत थी उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आए.
घटना को लेकर थाना प्रभारी अभिषेक कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि झेनागढ़िया गांव में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा फाइलेरिया की दवा खिलाने के बाद कुछ बच्चों की तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को विद्यालय के निकट रोक लिया गया और कहा गया कि जब तक बच्चे स्वस्थ नहीं हो जाते तब तक जाने नहीं देंगे.
थाना प्रभारी ने बताया कि इसी सूचना पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ वहां पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया और सभी बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. परंतु यहां चिकित्सकों ने सभी बच्चों को स्वस्थ बताया है.
थाना प्रभारी ने बताया कि किसी के साथ मारपीट की घटना नहीं घटी है. वहीं डॉ. केके सिंह ने बताया कि फाइलेरिया की दवा खिलाने से कोई भी बीमार नहीं हुआ है, सिर्फ और सिर्फ एक भ्रम के कारण बच्चों को अस्पताल लाया गया है. डॉ सिंह ने बताया कि लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है और सभी बच्चों के परिजन साथ में हैं, उन्हें समझाया बुझाया जा रहा है.
इधर सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल सहित कई चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लिट्टीपाड़ा पहुंचे और बच्चों सहित उनके अभिभावकों से जानकारी ली तथा उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत कराया.
सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल ने बताया कि दवा खिलाने के बाद कुछ बच्चों को उल्टी की शिकायत मिली थी. सभी बच्चों को अस्पताल लाया गया है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है सभी बच्चे स्वस्थ हैं. सिविल सर्जन ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है, जांचोपरांत आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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