दुमका : आज वट सावित्री पर्व है. इस अवसर पर झारखंड की उपराजधानी दुमका में आज सुहागिन महिलाएं वट सावित्री की पूजा कर रही हैं. मंदिरों, धार्मिक स्थलों या अन्य और कहीं जहां बरगद के पेड़ हैं, उसके नीचे महिलाएं पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना कर लाल सूत लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा कर उसमें गठबंधन कर रही हैं. इस मौके पर महिलाओं में काफी उत्साह नजर आ रहा है. खास तौर पर नवविवाहिता सोलह शृंगार कर पूजा करने पहुंची हैं.
पति के दीर्घायु होने की कामना
हम आपको बता दें कि हिंदू धर्म में वट सावित्री पूजा का विशेष महत्व है. पत्नी अपने पति की दीर्घायु होने और उत्तम स्वास्थ्य की कामना के लिए यह पूजा करती है. मान्यताओं के अनुसार बरगद के वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास होता है, इसलिए यहां पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को की जाती है.
सुहागिनें माता सावित्री का करती हैं स्मरण
वट वृक्ष के नीचे पूजा कर रही महिलाएं माता सावित्री का स्मरण करती हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावित्री अपने पति सत्यवान की जिंदगी यमराज से वापस ले आई थीं. उन्हीं को याद कर यह व्रत किया जाता है और इसे वट सावित्री व्रत कहा जाता है.
महिलाओं ने कहा- यह हमारे लिए खास पर्व
मंदिरों में पूजा कर रही महिलाओं ने बताया कि वट सावित्री हमारे लिए बहुत खास है. हम पिछले कई दिनों से इसकी तैयारी करते हैं. आज हम सज-धज कर मंदिर में आती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. उन्होंने बताया कि हम पति के साथ-साथ ससुराल और मायके पक्ष के सभी लोगों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.
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