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क्या आप भी पीते हैं RO का पानी, भयंकर नुकसान जान लिये तो फिल्टर प्यूरीफायर से कर लेंगे तौबा - Side Effects of Filter Water

आजकल घर हो या ऑफिस, वॉटर प्यूरिफायर लगवाने का चलन अब आम बात है. माना जाता है कि आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) का पानी स्वस्थ्य के लिए अच्छा होता है. लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. वॉटर प्यूरिफायर का पानी आपकी सेहत बिगाड़ भी सकता है. स्पेशलिस्ट के मुताबिक, आरओ से गंदगी के साथ वह मिनिरल्स भी निकल जाते हैं, इसके अलावा प्यूरीफायर के फिल्टर की भी जांच जरूरी है.

SIDE EFFECTS OF FILTER WATER
आरओ का पानी पीने वाले सावधान (Etv Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 8:30 AM IST

Updated : Jul 5, 2024, 9:16 AM IST

RO KE PANI KE NUKSAN:यदि आप भी वाटर प्यूरीफायर का पानी पीते हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य और प्यूरीफायर के फिल्टर की जांच कराना जरुरी है. यदि आप इसमें लापरवाही कर रहे हैं, तो समझ लीजिए कि आप आपने सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. दरअसल लोग सोचते हैं कि, प्यूरीफायर का पानी शुद्ध होता है और इससे सेहत को कोई नुकसान नहीं है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. ऐसे कई मामले अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जिसमें डॉक्टर मरीजों को बीमारी का कारण प्यूरीफायर को बता रहे हैं.

आरओ का पानी पीने से प्रदीप खंडेलवाल हुए बीमार (ETV BHARAT)

प्यूरीफायर के पानी से लीवर में आई परेशानी
भोपाल में रहने वाले प्रदीप खंडेलवाल बीते एक साल से एल्कलाइन वाटर प्यूरीफायर का पानी पी रहे थे. इसके बावजूद उनको लीवर से संबंधित परेशानियां होने लगीं. जब वो डॉक्टर के पास पहुंचे तो पानी की जांच कराने की सलाह दी. इसके बाद खंडेलवाल ने अपने घर में लगे प्यूरीफायर की जांच कराई. इसमें पता चला कि प्यूरीफायर का फिल्टर खराब था. इससे पानी का टीडीएस और पीएच वैल्यू सामान्य से कम था.

नए प्यूरीफायर के पानी की जांच कराना भी जरुरी
बता दें कि, इस समय अस्पतालों में रोजाना दूषित पानी से बीमार कई लोग पहुंचते हैं. इनका कहना होता है कि वे प्यूरीफायर का पानी पीते हैं. दरअसल, शुद्ध पानी के लिए वाटर प्यूरीफायर तो लोग खरीद लेते हैं, लेकिन जांच नहीं कराते कि उससे पानी साफ आ रहा है या नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि नए प्यूरिफायर के उपयोग से पहले भी पानी की जांच कराना जरूरी है.

आरओ का पानी पीने से हो सकते हैं नुकसान (ETV BHARAT)

प्यूरीफायर के पानी का पीएच वैल्यू अल्कोहल जैसा
प्रदीप खंडेलवाल ने बताया कि, उन्होंने एक साल पहले एल्कलाइन वाटर प्यूरीफायर खरीदा था. करीब छह महीने पहले पेट दर्द की शिकायत पर डॉक्टर को दिखाया, तो जांच में फैटी लिवर ग्रेड वन बताया. इलाज के बाद पेटदर्द सामान्य हो गया. छह महीने बाद फिर पेट दर्द होने पर जांच कराई तो फैटी लिवर ग्रेड टू रिपोर्ट आई. डाक्टर की सलाह पर पानी की जांच कराई तो उसका पीएच वैल्यू अल्कोहल जैसा आया. फिर कंपनी वाल से बात करने पर वो भी ठीक ढंग से जवाब नहीं दे पाए.

इस तरह से चेक करें कि फिल्टर ठीक है या नहीं
वाटर प्यूरीफायर का काम करने वाले सलज गुप्ता ने बताया कि, ''घर में यूज होने वाला प्यूरिफायर या उसमें लगा फिल्टर असली है या नहीं, इसका पता पानी के टीडीएस मीटर से लगा सकते हैं. पानी फिल्टर होने के बाद टीडीएस 0 से 50 के बीच रखा जाता है. कई लोग इसे 10 से 15 तक करा लेते हैं. ऐसे में यदि पानी का पीएच कम नहीं हो रहा है, तब समझिए फिल्टर काम नहीं कर रहा है. टीडीएस चेक करने वाला मीटर या केमिकल 200 रुपए में आ जाता है.''

कितना होना चाहिए टीडीएस
60 से 120 टीडीएस मात्रा वाले पानी को अच्छा माना जाता है. अगर पानी में टीडीएस की इससे अधिक मात्रा है, तो विशेषज्ञों की सलाह से ही आरओ खरीदे और लगवाएं. बता दें कि फिल्टर को पता नहीं होता कि कौन सा बैक्टीरिया शरीर को फायदा पहुंचाने वाला है या नुकसान पहुंचाने वाला है.

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प्यूरीफायर के पानी में हो सकती हैं ये परेशानियां
लिवर रोग विशेषज्ञ डा. संजय कुमार ने बताया कि यदि प्यूरीफायर का पानी फिल्टर नहीं है, तब उससे कई सारी बीमारियां भी हो सकती हैं. इसके अनुसार पानी में कैल्शियम ज्यादा जा रहा है, तब लिवर या किडनी में स्टोन बन सकता है. हार्ड पानी पीने से डाइजेशन खराब होना, पेट में दर्द, कब्ज और बाल झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है. वहीं प्यूरीफायर में यूवी (अल्ट्रावायलेट प्यूरिफिकेशन) का इस्तेमाल बैक्टीरिया मारने के लिए किया जाता है. ऐसे में बैक्टीरिया नहीं मर रहे, तब जाइंडिस जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है. Diseases caused by RO water

ये रखें सावधानियां
हमेशा अच्छी कंपनी का प्यूरीफायर खरीदें.
नए प्यूरीफायर के पानी की जांच कराएं.
समय-समय पर इसकी सर्विसिंग कराते रहें.
फिल्ट को तय समयसीमा में बदलते रहें. Water Purifier Buying Guide

Last Updated : Jul 5, 2024, 9:16 AM IST

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