डॉक्टर का दावा- मुंह की गंदगी और बैक्टीरिया के कारण हो सकता है हार्ट अटैक, लाखों लोग कर रहे ये गलती, जा सकती है जान - Bacteria in Teeth Cause Attack
Bacteria in Teeth Can Cause Heart Attack: ईटीवी भारत से खास बातचीत में रामनगर दंत चिकित्सक डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि बदलती जीवनशैली और खान-पान की आदतें युवाओं और बच्चों में दांतों की समस्याओं का मुख्य कारण हैं. उन्होंने कहा कि अगर लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है. पढ़ें पूरी खबर...
डॉक्टर का दावा- मुंह की गंदगी और बैक्टीरिया के कारण हो सकता है हार्ट अटैक (Etv Bharat)
हैदराबाद: इन दिनों ज्यादातर लोग दांतों की समस्या और कैविटी से परेशान हैं. कैविटी आपके दांतों की कठोर सतह पर स्थित वे क्षेत्र हैं जो क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. दांतों की सड़न के ये क्षेत्र छोटे-छोटे छेद या छिद्र बन जाते हैं जो गंभीर दांत दर्द, संक्रमण और दांतों के नुकसान का कारण बन सकते हैं.
एक आश्चर्यजनक खुलासा करते हुए, प्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ. अमित शर्मा ने बताया है कि दांतों में पाया जाने वाला एक बैक्टीरिया दिल के दौरे और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों का कारण बन सकता है. डॉ. शर्मा ने दावा किया कि यह बैक्टीरिया लार के माध्यम से हृदय की ग्रंथियों तक पहुंचता है और अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह हृदय और हृदय संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है.
ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में डॉ. शर्मा ने बताया कि बदलती जीवनशैली और खान-पान की आदतें युवाओं और बच्चों में दंत समस्याओं का एक प्रमुख कारण है. अगर लंबे समय तक इसका इलाज न किया जाए तो इससे दिल से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. अगर आपके दांत गंदे हैं और मसूड़े स्वस्थ नहीं हैं तो मुंह से दिल को जोड़ने वाली नसें बंद हो सकती हैं. यह दिल के दौरे और दिल से जुड़ी अन्य समस्याओं का संकेत है. दांतों के साथ-साथ हृदय को होने वाले किसी भी बड़े नुकसान को रोकने के लिए डॉ. शर्मा नियमित जांच की सलाह देते हैं.
डॉ. शर्मा के मुताबिक, दांतों में सड़न और सड़न दुनिया भर में सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों में ये सबसे आम समस्याएं हैं. ऐसे में छह महीने या साल में एक बार अपने दंत चिकित्सक के पास जाना जरूरी है. डॉ. शर्मा ने जिन लक्षणों पर प्रकाश डाला है उनमें दांत दर्द, दांतों की संवेदनशीलता, तथा गर्म या ठंडी मिठाई खाने या पीने पर हल्का से लेकर तीव्र दर्द शामिल हैं.
उनका कहना है कि शुरुआती दौर में इन कैविटी को देख पाना मुश्किल होता है. डॉक्टर बताते हैं कि आपको अपने दांतों के इनेमल पर एक छोटा, सफेद, चाक जैसा क्षेत्र दिखाई दे सकता है. अगर कैविटी बिगड़ती है, तो यह आपके दांतों पर भूरे या काले रंग के धब्बे बन जाते हैं. मसूड़ों की ज्यादातर समस्याएं दांतों में मौजूद बैक्टीरिया के कारण होती हैं. वे कहते हैं कि ये बैक्टीरिया रक्त वाहिकाओं तक पहुंचकर सूजन बढ़ा सकते हैं, जिससे दिल से जुड़ी जटिलताएं हो सकती हैं.
उन्होंने कहा कि अतीत में हुए कई अध्ययनों में कहा गया है कि यदि दांतों का मामला गंभीर हो जाता है, तो एंटीबायोटिक्स इन जीवाणुओं पर अपना प्रभाव खो देते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाते हैं. बच्चों में दांतों की समस्याओं को रोकने के लिए डॉ. शर्मा मिठाई से बचने की सलाह देते हैं. वे कहते हैं कि बच्चों में कैविटी और पायरिया की समस्या ज्यादा होती है. ऐसे में माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे बच्चों को दिए जाने वाले दूध में चीनी न डालें. इसके अलावा, डॉ. शर्मा कुछ भी खाने के बाद मुंह धोने की सलाह देते हैं. उनका कहना है कि इस तरह बैक्टीरिया दांतों में जमा नहीं होते. डॉ. शर्मा ने लोगों को इस कैविटी और बैक्टीरिया से बचने के लिए तंबाकू का सेवन पूरी तरह से बंद कर देने की सलाह दी है.