हैदराबाद :डायबिटीज दुनिया की एक बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करती है. डायबिटीज की बीमारी कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. वैसे तो डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन इसको मैनेज करना संभव है. डायबिटीज (प्रीडायबिटीज) के लक्षणों को जल्दी से पहचानकर नियंत्रित करने का प्रयास किया जाए तो डायबिटीज को रोकने या मैनेज करने में आसानी होगी.अगर आपको भी रात में सोते समय कुछ लक्षण (ब्लड शुगर के) दिखें तो तो सावधान रहने की जरूरत है और तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर उपयुक्त इलाज करवाएं. कायरोप्रैक्टर डॉ. एरिक बर्ग डीसी से जानते हैं इन लक्षणों के बारे में...
अत्यधिक पसीना आना : आमतौर पर चेहरे, गर्दन या शरीर के ऊपरी हिस्से में अत्यधिक पसीना आता है.
बहुत ज्यादा प्यास लगना : जब किडनी आपके पेशाब के जरिए शुगर को बाहर निकालती है, तो आप कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम को खो देते हैं और आप निर्जलित (Dehydrated) भी हो सकते हैं, इसलिए आपको अत्यधिक प्यास लग सकती है.
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम :ज़्यादा शुगर विटामिन B1 को कम कर देता है. विटामिन बी1 की कमी से पैरों में लैक्टिक एसिड का निर्माण होता है और ऑक्सीजन की कमी होती है. यह मैग्नीशियम की कमी का लक्षण भी हो सकता है.
देरी से सोना : हाई ब्लड शुगर मेलाटोनिन के रिलीज में देरी करता है.
पेरिफेरल न्यूरोपैथी :इस स्थिति में पैरों के निचले हिस्से में सुन्नता, जलन या दर्द होता है. अल्फा लिपोइक एसिड के साथ संयुक्त बेनफ़ोटियामिन एक बेहतरीन उपाय है.
पैरों के निचले हिस्से और तलवों में ऐंठन : ब्लड में बहुत ज़्यादा शुगर, मैग्नीशियम की कमी और कैल्शियम के निर्माण का कारण बन सकती है. इस स्थिति में मैग्नीशियम ग्लाइसीनेट सप्लीमेंट मदद कर सकते हैं और नींद में भी सुधार कर सकते हैं.
बार-बार पेशाब आना : बार-बार पेशाब आने कोइसे नोक्टुरिया के नाम से जाना जाता है और यह तब होता है जब आपकी किडनी आपके खून से अतिरिक्त शर्करा निकालती है.
स्लीप एपनिया : यह आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति में इंसुलिन का स्तर अधिक होता है.
हाइपोग्लाइसीमिया: यदि आपका ब्लड शुगर, हाई है तो आपका शरीर इंसुलिन के साथ इसे कम करने की कोशिश करेगा. इससे आप रात में कम ब्लड शुगर के साथ जाग सकते हैं. कम से कम 6 से 8 महीने तक कम कार्ब आहार (Carbohydrate diet) का पालन करने से इस समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है.