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रात में सोते समय इग्नोर न करें इन लक्षणों को, डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर की हो सकती है निशानी - High blood sugar

High blood sugar : डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, वैसे तो डायबिटीज का कोई स्थायी और सटीक इलाज नहीं है. जितनी जल्दी डायबिटीज का पता लगेगा उतनी जल्दी उसका इलाज और मैनेज करना आसान होगा. डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं डॉ. बर्ग न्यूट्रिशनल्स के निदेशक डॉ. एरिक बर्ग डीसी.

NIGHTTIME SIGNS OF HIGH BLOOD SUGAR CAN HELP TO DETECT THE DIABETES
कॉन्सेप्ट इमेज (Canva Getty Images)

By ETV Bharat Health Team

Published : Aug 20, 2024, 9:57 AM IST

Updated : Aug 21, 2024, 6:09 AM IST

हैदराबाद :डायबिटीज दुनिया की एक बड़ी जनसंख्या को प्रभावित करती है. डायबिटीज की बीमारी कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है. वैसे तो डायबिटीज का कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन इसको मैनेज करना संभव है. डायबिटीज (प्रीडायबिटीज) के लक्षणों को जल्दी से पहचानकर नियंत्रित करने का प्रयास किया जाए तो डायबिटीज को रोकने या मैनेज करने में आसानी होगी.अगर आपको भी रात में सोते समय कुछ लक्षण (ब्लड शुगर के) दिखें तो तो सावधान रहने की जरूरत है और तुरंत अपने डॉक्टर से मिलकर उपयुक्त इलाज करवाएं. कायरोप्रैक्टर डॉ. एरिक बर्ग डीसी से जानते हैं इन लक्षणों के बारे में...

अत्यधिक पसीना आना : आमतौर पर चेहरे, गर्दन या शरीर के ऊपरी हिस्से में अत्यधिक पसीना आता है.

बहुत ज्यादा प्यास लगना : जब किडनी आपके पेशाब के जरिए शुगर को बाहर निकालती है, तो आप कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम को खो देते हैं और आप निर्जलित (Dehydrated) भी हो सकते हैं, इसलिए आपको अत्यधिक प्यास लग सकती है.

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम :ज़्यादा शुगर विटामिन B1 को कम कर देता है. विटामिन बी1 की कमी से पैरों में लैक्टिक एसिड का निर्माण होता है और ऑक्सीजन की कमी होती है. यह मैग्नीशियम की कमी का लक्षण भी हो सकता है.

देरी से सोना : हाई ब्लड शुगर मेलाटोनिन के रिलीज में देरी करता है.

पेरिफेरल न्यूरोपैथी :इस स्थिति में पैरों के निचले हिस्से में सुन्नता, जलन या दर्द होता है. अल्फा लिपोइक एसिड के साथ संयुक्त बेनफ़ोटियामिन एक बेहतरीन उपाय है.

पैरों के निचले हिस्से और तलवों में ऐंठन : ब्लड में बहुत ज़्यादा शुगर, मैग्नीशियम की कमी और कैल्शियम के निर्माण का कारण बन सकती है. इस स्थिति में मैग्नीशियम ग्लाइसीनेट सप्लीमेंट मदद कर सकते हैं और नींद में भी सुधार कर सकते हैं.

बार-बार पेशाब आना : बार-बार पेशाब आने कोइसे नोक्टुरिया के नाम से जाना जाता है और यह तब होता है जब आपकी किडनी आपके खून से अतिरिक्त शर्करा निकालती है.

स्लीप एपनिया : यह आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति में इंसुलिन का स्तर अधिक होता है.

हाइपोग्लाइसीमिया: यदि आपका ब्लड शुगर, हाई है तो आपका शरीर इंसुलिन के साथ इसे कम करने की कोशिश करेगा. इससे आप रात में कम ब्लड शुगर के साथ जाग सकते हैं. कम से कम 6 से 8 महीने तक कम कार्ब आहार (Carbohydrate diet) का पालन करने से इस समस्या को ठीक करने में मदद मिल सकती है.

गैस्ट्रिक रिफ्लक्स : हाई ब्लड शुगर स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है जो पेट के शीर्ष पर वाल्व को नियंत्रित करता है, जिससे GERD होता है.

बुरे सपने आना : यह स्थिति आमतौर पर विटामिन B1 की कमी के कारण होने वाली न्यूरोट्रांसमीटर समस्या से संबंधित है, विटामिन B1 को हाई ब्लड शुगर समाप्त कम देता है.

हाई बीपी/उच्च रक्तचाप : रात में नींद के दौरान आपका रक्तचाप और नाड़ी की दर कम हो जाती है. लेकिन जब आपको डायबिटीज होता है, तो ऐसा नहीं होता है. इसे नॉन-डिपिंग कहा जाता है.

दिल की धड़कन तेज होना : यह मैग्नीशियम और पोटेशियम की कमी के कारण होता है और इसे अच्छे इलेक्ट्रोलाइट पाउडर से ठीक किया जा सकता है.

दांत पीसना : सोते समय सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम की सक्रियता व्यक्ति को तनाव की स्थिति में डाल देती है, जिससे वो दांत पीसने लगते हैं.

जागने पर सिरदर्द : यह आमतौर पर निर्जलीकरण (Dehydration) के कारण होता है.

डॉ. एरिक बर्ग डीसी : डॉ बर्ग न्यूट्रिशनल्स के निदेशक, Dr. Eric Berg DC एक कायरोप्रैक्टर हैं जो स्वस्थ कीटोसिस में माहिर हैं. वह सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब द हेल्दी कीटो प्लान के लेखक हैं. डॉ. बर्ग सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हैं.

डिस्कलेमर: यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.

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Last Updated : Aug 21, 2024, 6:09 AM IST

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