हाई ब्लड प्रेशर और नींद की कमी से होने वाली समस्याओं पर किए गए एक शोध में पाया गया कि दोनों फैक्टर्स मिलकर मस्तिष्क की उम्र बढ़ा सकते हैं और उसकी कार्यक्षमता पर भी असर डाल सकते हैं. इस शोध में यह भी कहा गया है कि प्रतिदिन 6 घंटे से कम नींद न केवल मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को खराब कर सकती है, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ा सकती है. यह अध्ययन हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित हुआ था.
शोध का उद्देश्य
गौरतलब है कि नींद की कमी और हाई ब्लड प्रेशर के कारण मस्तिष्क की उम्र बढ़ने, उसकी कार्यप्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव और अन्य प्रभावों के बारे में विस्तार से जानने के उद्देश्य से इस शोध में 40 वर्ष से अधिक उम्र के 682 लोगों को शामिल किया गया था. शोध के नतीजों से पता चला कि जो प्रतिभागी शोध का विषय थे, वे हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे और उन्हें कम नींद आ रही थी, उनके मस्तिष्क की कार्यक्षमता कम हो रही थी. इसके अलावा इन लोगों में मस्तिष्क की संरचना से जुड़े बदलाव भी देखे गए. विशेष रूप से, ऐसे लोगों के मस्तिष्क में सफेद और भूरे पदार्थ का स्तर कम पाया गया. यह ध्यान देने योग्य है कि सफेद पदार्थ मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को जोड़ने में मदद करता है जबकि ग्रे पदार्थ संज्ञानात्मक कार्यों में मदद करता है. इसके अलावा इन लोगों में निर्णय लेने की क्षमता और योजना बनाने की क्षमता में भी गिरावट देखी गई.
शोध का निष्कर्ष
अध्ययन के मुख्य लेखक मैथ्यू पासी ने कहा कि निष्कर्ष बताते हैं कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए रक्तचाप को सामान्य बनाए रखना और पर्याप्त नींद लेना आवश्यक है. शोध यह भी सुझाव देता है कि डॉक्टरों को नियमित रूप से अपने मरीजों के ब्लड प्रेशर की जांच करनी चाहिए और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए
क्या कहते हैं डॉक्टर?
नई दिल्ली के मनोवैज्ञानिक डॉ. आशीष सिंह का कहना है कि पर्याप्त नींद न लेने से हमारे शरीर और दिमाग दोनों पर असर पड़ता है. नींद की कमी हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकती है. नींद की कमी और हाई ब्लड प्रेशर के बीच चक्रीय संबंध है. दरअसल, हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में नींद संबंधी समस्याएं आम तौर पर देखी जाती हैं.
हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग अक्सर चिंता और तनाव से जूझते हैं, जिसका असर उनकी नींद पर पड़ता है. कभी-कभी उच्च रक्तचाप की दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण नींद प्रभावित होती है. इसके अलावा, अनियमित दिनचर्या, अत्यधिक स्क्रीन समय और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली भी नींद की गुणवत्ता को खराब करती है. कारण चाहे जो भी हो, अगर हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त या अच्छी गुणवत्ता वाली नींद नहीं मिलती है, तो उनके स्वास्थ्य पर इसका असर काफी देखा जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों में नींद की कमी के कारण होने वाली समस्याएं
यदि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति अपनी नींद से समझौता करता है, तो वह कई बड़ी और छोटी समस्याओं से प्रभावित हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं...
दिल की बीमारी: नींद की कमी से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हाई ब्लड प्रेशर पहले से ही हृदय पर तनाव डालता है और नींद की कमी इसे और बदतर बना देती है.
स्ट्रोक का खतरा: उच्च रक्तचाप और नींद की कमी का संयोजन मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बाधित कर सकता है, जिससे स्ट्रोक हो सकता है.
डायबिटीज: नींद की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
तनाव और चिंता: पर्याप्त नींद न लेने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, जिससे तनाव और चिंता बढ़ सकती है.
नींद की कमी न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और सामाजिक जीवन पर भी असर डालती है. बल्कि इसके कारण पीड़ित व्यक्ति में आमतौर पर लगातार थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएं देखी जाती हैं, जिसका असर मूड पर भी पड़ता है।
अनुशासन, देखभाल और सावधानियां
हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए पर्याप्त नींद बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल रक्तचाप को नियंत्रित करती है बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों के खतरे को भी कम करती है. इसलिए कुछ आदतों को जीवनशैली और दिनचर्या में शामिल करना काफी फायदेमंद हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं...
- नींद का एक पैटर्न बनाने की कोशिश करें और नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए इसका नियमित रूप से पालन करें, जैसे कि समय पर बिस्तर पर जाना और सुबह जागना.
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए स्वस्थ आहार का पालन करें. स्वस्थ खान-पान की आदतें अपनाएं जैसे कि ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें नमक कम हो, फाइबर और अन्य पोषक तत्व अधिक हों.
- नियमित व्यायाम और ध्यान जैसे उपाय करें.
- स्क्रीन टाइम कम करें. सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का इस्तेमाल न करें.
- दोनों प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए नियमित अंतराल पर अपने मस्तिष्क के स्वास्थ्य की जांच कराना फायदेमंद हो सकता है.
- यदि आवश्यक हो तो चिकित्सा सहायता लें. हाई ब्लड प्रेशर या नींद की समस्या से पीड़ित लोगों को विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.