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दिल्ली विधानसभा का चुनाव ईवीएम की जगह बैलट पेपर से कराने की मांग खारिज - BALLOT PAPERS VS EVMS

दिल्ली में विधानसभा चुनवा की घोषणा कर दी गई है. 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को काउंटिंग होगी.

चुनाव ईवीएम की जगह बैलट पेपर से कराने की मांग खारिज
चुनाव ईवीएम की जगह बैलट पेपर से कराने की मांग खारिज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 21, 2025, 10:42 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ईवीएम से चुनाव कराने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रावधान निर्वाचन आयोग को वोट को रिकॉर्ड करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति देता है. याचिका रमेश चंद्र ने दायर किया था. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी. सिंगल बेंच ने 22 जुलाई 2024 को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कई फैसले दिए हैं.

कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं: सिंगल बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई तथ्य पेश नहीं किया जिस पर कोर्ट को दखल देने की जरूरत पड़े. याचिका में कहा गया था कि जनप्रतिनिधित्व क़ानून की धारा 61ए जो चुनाव में ईवीएम के प्रयोग की अनुमति देता है, इसे जोड़ने के लिए संसद से मंजूरी नहीं ली गयी थी. इसलिए यह असंवैधानिक है.

ईवीएम को हैक करने की संभावना होती: याचिका में कहा गया था कि निर्वाचन आयोग को ईवीएम से चुनाव कराने का अधिकार नहीं है. याचिका में कहा गया था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत चुनाव केवल बैलट पेपर से ही कराये जा सकते हैं. याचिका में कहा गया था कि अमेरिका, जापान, जर्मनी और दूसरे देशों ने ईवीएम को खारिज करते हुए बैलेट पेपर पर विश्वास जताया है. ईवीएम को हैक करने की संभावना होती है, जबकि बैलेट पेपर से चुनाव में ऐसी कोई आशंका नहीं है.

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नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ईवीएम से चुनाव कराने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है. कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरु की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि कानूनी प्रावधान निर्वाचन आयोग को वोट को रिकॉर्ड करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति देता है. याचिका रमेश चंद्र ने दायर किया था. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के आदेश को डिवीजन बेंच में चुनौती दी थी. सिंगल बेंच ने 22 जुलाई 2024 को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने कई फैसले दिए हैं.

कोर्ट को दखल देने की जरूरत नहीं: सिंगल बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई तथ्य पेश नहीं किया जिस पर कोर्ट को दखल देने की जरूरत पड़े. याचिका में कहा गया था कि जनप्रतिनिधित्व क़ानून की धारा 61ए जो चुनाव में ईवीएम के प्रयोग की अनुमति देता है, इसे जोड़ने के लिए संसद से मंजूरी नहीं ली गयी थी. इसलिए यह असंवैधानिक है.

ईवीएम को हैक करने की संभावना होती: याचिका में कहा गया था कि निर्वाचन आयोग को ईवीएम से चुनाव कराने का अधिकार नहीं है. याचिका में कहा गया था कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत चुनाव केवल बैलट पेपर से ही कराये जा सकते हैं. याचिका में कहा गया था कि अमेरिका, जापान, जर्मनी और दूसरे देशों ने ईवीएम को खारिज करते हुए बैलेट पेपर पर विश्वास जताया है. ईवीएम को हैक करने की संभावना होती है, जबकि बैलेट पेपर से चुनाव में ऐसी कोई आशंका नहीं है.

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