REASON HAIR TURN GREY OR WHITE: आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी और स्ट्रेस वाली लाइफ में ज्यादातर यह देखने को मिल रहा है कि वक्त से पहले ही लोगों के सिर के बाल पक जा रहे हैं. या यूं कहें की सफेद हो जा रहे हैं. जिससे आए दिन लोग परेशान रहते हैं और अपने सिर के बालों को काला करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते रहते हैं. अगर आप अपने इन बालों को वक्त से पहले सफेद होने से रोकना चाहते हैं, तो आपको ये जानना जरूरी है कि आखिर किस वजह से ये बाल सफेद हो रहे हैं. तभी आप इसका सरल उपाय भी कर सकते हैं.
वक्त से पहले इसलिए सफेद हो रहे बाल
आजकल ज्यादातर ऐसे लोग मिल जाएंगे जिनके बहुत कम उम्र में ही सिर के बाल सफेद होने लगते हैं और उनकी उम्र बहुत ज्यादा दिखने लगती है. ऐसे में लोग परेशान भी रहते हैं कि कैसे इन बालों को काला किया जाए. कैसे पुरानी अवस्था में इन्हें लाया जाए और इसे लेकर लोग तरह-तरह के इलाज भी करते हैं. कुछ लोग तो तरह-तरह के कलर के डाई भी अपने सिर पर लगाते हैं.
कम उम्र में इसलिए होते हैं बाल सफेद
सवाल ये है कि वक्त से पहले आखिर सिर के बाल क्यों सफेद हो रहे हैं, इसे जानने के लिए हमने बात की शहडोल के आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेवसे तो उन्होंने बताया कि "अगर बालों का सफेद होना 50 साल की उम्र के बाद होता है, तो ये नॉर्मल है. इस उम्र में सबके बाल सफेद होने लगते हैं. अगर ये कम उम्र में होता है, तो इसको एक डिजीज का नाम देते हैं. जिसे हम प्रीमेच्योर ग्रेईंग ऑफ़ हेयर कहते हैं. प्रीमेच्योर ग्रेइंग आफ हेयर होने के मल्टीपल रीजंस हो सकते हैं. सबसे बड़ा रीजन फॉल्टी लाइफस्टाइल और दूसरा जंक फूड का अनुचित उपयोग होता है. वहीं, तीसरा कारण स्ट्रेस होता है. आपने देखा होगा कि स्ट्रेस के कारण भी बाल बहुत तेजी से सफेद होते हैं."
इन चीजों की कमी से होते हैं बाल सफेद
जो लोग बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं उनके बाल बहुत जल्दी ही सफेद होने लगते हैं. इसके अलावा मेटाबॉलिज्म का डिस्टर्ब होना, मेटाबॉलिज्म का डिस्टर्ब होना बहुत हद तक फूड हैबिट और डेली रूटीन से संबंधित होता है. चौथा होता है माल न्यूट्रिशन या कुपोषण शरीर में किसी विशेष परिस्थिति के कारण कुछ न्यूट्रिशन का अभाव होने से भी बाल सफेद होने लगते हैं. जैसे कि आयरन की कमी होना और कीरेटिन की कमी होना. खास तौर पर प्रोटीन की कमी होना, इस तरह से प्री मेच्योर ग्रेईंग के बहुत सारे कारण होते हैं.
कैसे करें बचाव?
बाल सफेद न हों इससे कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में आयुर्वेद डॉ. अंकित नामदेव बताते हैं कि सबसे पहले तो स्ट्रेस मैनेजमेंट करना चाहिए. स्ट्रेस मैनेंजमेंट के लिए जो भी प्रयास किये जा सकते हैं, वो ये है. आपका डेली रूटीन सही होना चाहिए. सुबह जल्दी उठें, रात में जल्दी सो जाएं. दूसरा आपका मोटबोलिज्म सही होना चाहिए. इसके लिए आपको सही समय पर भोजन करना चाहिए. सही समय पर भोजन करना जरूरी है. ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए, जैसे कि निकोटिन हो गया, कैफीन हो गया. बता दें कि निकोटिन तंबाकू में पाया जाता है और कैफीन कॉफी चाय में पाया जाता है. इसके अलावा कई तरह के नशीले पदार्थ होते हैं, इनसे दूर ही रहना चाहिए.