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कितनी दूर तक जाते हैं छींक के कण? क्यों और कैसे आती है? एक क्लिक में जानें - Why Sneezing Happens - WHY SNEEZING HAPPENS

छींक शरीर की सामान्य प्रक्रिया है, हालांकि इससे दूसरों में संक्रमण तेजी से फैलता है. आमतौर पर लोग छींकते समय मुंह पर रूमाल या हाथ रख लेते हैं, लेकिन अगर कोई यह नहीं करता है, तो उसकी छींक के कण एक लंबी दूरी तय करते हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि छींक के कण कितनी दूरी तय करते हैं.

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छींक के कण कितनी दूर जाते हैं (फोटो - Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 18, 2024, 3:01 PM IST

हैदराबाद: जब किसी को सर्दी-जुकाम हो जाता है, तो लोगों को ज्यादा छींक आने लगती है. इसके अलावा अगर हमारी नाक में धूल का कोई कण चला जाता है, तो भी हमें छींक आती है. छींक आना शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है, जो हर किसी के साथ होता है. डॉक्टरों का कहना है कि जब किसी को छींक आए तो मुंह पर रूमाल या हाथ रख लेना चाहिए, क्योंकि छींकते वक्त हमारे शरीर के बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं, जो दूसरो को संक्रमित कर सकते हैं.

छींकने पर हवा की रफ्तार कितनी होती है (फोटो - Getty Images)

क्यों और कैसे आती है छींक
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि छींक के कण कितनी दूर तक जा सकते हैं और कितनी दूर बैठे व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं. यहां हम आपको छींक से संबंधित यह जानकारी देंगे. लेकिन इससे पहले हम आपको बताते हैं कि छींक आखिर क्यों और कैसे आती है. जब आपकी नाक की नाजुक परत पर किसी बाहरी पदार्थ का स्पर्श होता है, तो इससे असहजता महसूस होती है और यहां मौजूद नर्व्स आपके मस्तिष्क को एक विद्युत संकेत भेजती है.

यह संकेत आपके मस्तिष्क को बताता है कि नाक को खुद को साफ करने की जरूरत है. मस्तिष्क आपके शरीर को संकेत देता है कि छींकने का समय हो गया है, और आपका शरीर आसन्न संकुचन के लिए खुद को तैयार करके प्रतिक्रिया करता है. छींकते समय ज्यादातर लोगों की आंखें बंद हो जाती हैं, जीभ मुंह में तालू पर चिपक जाती है और मांसपेशियां छींक के लिए तैयार हो जाती हैं. यह सब कुछ ही सेकंड में हो जाता है.

क्यों आती है छींक (फोटो - Getty Images)

छींक के कण कितनी दूरी तक जाते हैं?
यह तो आपको पता ही होगा कि छींकते समय हमारे मुंह से तेज रफ्तार में हवा निकलती है. जानकारी के अनुसार छींकते समय मुंह से निकलने वाली हवा की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा तक हो सकती है. इस रफ्तार के साथ छींक के कण बहुत लंबी दूरी तय करते हैं. एक शोध में पाया गया है कि छींक के कण 8 मीटर यानी करीब 27 फीट तक की दूरी तय कर सकते हैं. हालांकि यह आसपास के वातावरण पर भी निर्भर करता है.

छींक के कण कितनी दूर जाते हैं (फोटो - Getty Images)

वातावरण में मौजूद तापमान, आद्रता, हवा और छींक के कणों के आधार पर यह दूरी कम भी हो सकती है. तो अगली बार जब आपके सामने कोई छींक रहा हो, तो उसे अपना मुंह ढकने के लिए कह दें, या फिर उससे आप कम से कम 27 फीट की दूरी बना लें.

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