हैदराबाद :स्वस्थ मस्तिष्क हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मस्तिष्क का कार्यप्रणाली अत्यंत जटिल होती है. यह अरबों न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिकाएं -Nerve cells) से बना होता है, जो सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. मस्तिष्क शरीर का नियंत्रक है, जो हमारी संज्ञानात्मक (Cognitive), भावनात्मक और शारीरिक क्षमताओं को नियंत्रित करता है.
मस्तिष्क के मुख्य भागों में सेरेब्रल कॉर्टेक्स, हिप्पोकैम्पस, एमिग्डाला, और सेरेबेलम शामिल हैं. जिनमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स ( Cerebral cortex ) संज्ञानात्मक क्रियाओं के लिए जिम्मेदार होता है, हिप्पोकैम्पस ( Hippocampus ) स्मृतियों के निर्माण में मदद करता है, एमिग्डाला ( Amygdala ) भावनाओं को नियंत्रित करता है और सेरेबेलम ( Cerebellum )शारीरिक संतुलन और समन्वय को बनाए रखता है.
लेकिन किसी भी कारण से यदि मस्तिष्क के इन भागों में, मस्तिष्क से जुड़ी तंत्रिकाओं या उससे जुड़े किसी अन्य अंग में किसी प्रकार की समस्या हो जाए तो व्यक्ति के शरीर की कार्यक्षमता व उसके सोचने व कार्य करने की क्षमता और यहां तक की उसकी याददाश्त भी काफी ज्यादा प्रभावित हो सकती है. यहीं नहीं ऐसा होने पर अल्जाइमर, डिमेंशिया तथा कुछ अन्य न्यूरोलॉजिकल स्थिति व संबंधित जटिल रोगों के प्रभाव में आने का जोखिम भी बढ़ जाता है.
कैसे रखें ब्रेन को हेल्दी : अल्जाइमर एसोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी की माने तो मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, मानसिक चुनौतियां, और सामाजिक गतिविधियां काफी मदद करते हैं.यही नहीं रोज़मर्रा की गतिविधियों में सकारात्मक व सक्रियता भी मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा ब्रेन की अर्ली एजिंग से बचाव करती हैं. जिससे संज्ञानात्मक गिरावट, अल्जाइमर और मनोभ्रंश का जोखिम भी कम होता है.
ब्रेन हेल्थ को मेन्टेन रखने संबंधी विषयों पर हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, अल्जाइमर एसोसिएशन, एन.आई. एच द्वारा किए गए शोधों व मेडिकल पत्रिका ‘लेंसेट’ तथा ‘नेचर’ में प्रकाशित विभिन्न शोधों की रिपोर्ट के आधार पर तथा सीडीसी व विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार मस्तिष्क को स्वस्थ,सक्रिय व निरोगी रखने में कुछ पद्धतियां व कुछ बातों का ध्यान रखना काफी मददगार हो सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
एरोबिक व्यायाम:
एरोबिक व्यायाम जैसे दौड़ना, तैराकी, साइकिल चलाना, और तेज चलना मस्तिष्क के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं. ये व्यायाम मस्तिष्क के रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाओं को अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं. इससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है और नई तंत्रिका कोशिकाओं का निर्माण होता है.
ध्यान और योग:
ध्यान और योग मस्तिष्क को शांत और तनाव मुक्त रखने में मदद करते हैं. नियमित ध्यान और योग अभ्यास मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं. यह न केवल मानसिक तनाव को कम करता है बल्कि मस्तिष्क की संज्ञानात्मक क्षमताओं को भी बढ़ाता है.