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सभी जड़ी-बूटियों का राजा है ये पौधा और इसके फूल, हार्ट डिजीज के साथ-साथ कई बीमारियों के लिए रामबाण, जानिए डॉक्टर की राय

शंखपुष्पी से तैयार दवाइयों का प्रयोग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, अनिद्रा, पागनपन, हेमेटेमिसिस, कब्ज और अल्सर के इलाज के लिए किया जाता है...

By ETV Bharat Health Team

Published : 4 hours ago

Convolvulus prostratus
शंखपुष्पी (ETV Bharat)

शंखपुष्पी एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है जिसे ज्यादातर उसके याददाश्त बढ़ाने या बेहतर करने वाले गुणों के कारण जाना जाता है. लेकिन इस औषधि के फायदे सिर्फ याददाश्त बढ़ाने तक ही सीमित नहीं है. आइए जानते हैं क्या है शंखपुष्पी और उसके फायदे...

दिमाग को तेज करने में मदद कर सकती है शंखपुष्पी
शंखपुष्पी एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है जिसका उपयोग सदियों से मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है. इसे मुख्य रूप से दिमाग को तेज करने, ध्यान केंद्रित करने, और याददाश्त बढ़ाने के लिए जाना जाता है. शंखपुष्पी को विशेष रूप से छात्रों और उन लोगों के लिए उपयोगी माना जाता है जिन्हें मानसिक थकान या तनाव का सामना करना पड़ता है. लेकिन इसके फायदे सिर्फ यही तक ही सीमित नहीं है. यह औषधि मस्तिष्क के साथ-साथ शरीर को भी शांत और संतुलित रखने में मदद करती है.

शंखपुष्पी क्या है?
मुंबई के आरोग्यधाम आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्सक डॉ मनीषा काले बताती हैं किशंखपुष्पी एक जड़ी-बूटी है जो भारत में पाई जाती है और इसका वैज्ञानिक नाम Convolvulus pluricaulis है. यह सफेद, नीले या हल्के गुलाबी रंग के फूलों वाली बेल होती है और इसके औषधीय गुणों के कारण इसे आयुर्वेद में "स्मृति सुधाकर" यानी याददाश्त बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है. यह मस्तिष्क को शांत और मजबूत बनाने में सहायक होती है और मानसिक क्षमता को बढ़ाती है.

वह बताती हैं कि बाजार में शंखपुष्पी पाउडर, सिरप, या कैप्सूल के रूप में मिलती हैं. बहुत जरूरी हैं कि जिस भी रूप में इसे लिया जा रहा हो, उससे संबंधित सारी जानकारियां लेने के बाद ही इसका सेवन किया जाए. जैसे यदि पाउडर के रूप में इसे लिए जा रहा है तो इसका सेवन दिन में 1-2 बार पानी या दूध के साथ किया जा सकता है. लेकिन यहां ध्यान देना जरूरी है कि पाउडर का सेवन खाली पेट ना किया जाए, बल्कि भोजन के बाद ही लिया जाए.

वहीं यदि इसके कैप्सूल का सेवन किया जा रहा है तो भी इसे भोजन के बाद ही लेना चाहिए. इसके अलावा बच्चे हो या बड़े, शंखपुष्पी को कितनी मात्रा में और दिन में कितनी बार लेना है , इसकि जानकारी लेने के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए.

शंखपुष्पी के फायदे
वह बताती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने तथा याददाश्त को बेहतर करने के अलावा इसके कुछ अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं . जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

मानसिक शक्ति बढ़ाए:शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं को पोषण प्रदान करती है और दिमागी तनाव को कम करती है. यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है.

याददाश्त और एकाग्रता: इस जड़ी-बूटी का नियमित सेवन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है क्योंकि यह याददाश्त को तेज करती है और पढ़ाई में ध्यान लगाने में मदद करती है.

तनाव और चिंता से राहत: शंखपुष्पी का इस्तेमाल मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन के इलाज में भी किया जाता है. यह मस्तिष्क को शांति और संतुलन प्रदान करती है.

मस्तिष्क की थकान को कम करें: मानसिक रूप से थके हुए लोगों को शंखपुष्पी ऊर्जा और ताजगी प्रदान करती है, जिससे उन्हें मानसिक थकान से राहत मिलती है.

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: शंखपुष्पी का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में सहायक माना जाता है. यह ह्रदय को स्वस्थ रखने में भी मदद करती है.

शंखपुष्पी के नुकसान
डॉ मनीषा काले बताती हैं कि वैसे तो शंखपुष्पी एक प्राकृतिक और सुरक्षित औषधि है लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है. जैसे इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ लोगों में पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे पेट में भारीपन या गैस की समस्या हो सकती है, वहीं यदि शंखपुष्पी का सेवन अत्यधिक मात्रा में किया जाए तो यह रक्तचाप को बहुत कम कर सकती है, जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है.

वह बताती हैं कि बहुत जरूरी है कि ऐसे लोग जो पहले से किसी रोग या समस्या की नियमित दवा ले रहे हों वे शंखपुष्पी के सेवन से पहले चिकित्सक से परामर्श लें. दरअसल कुछ विशेष दवाओं के शंखपुष्पी का सेवन करने से उन दवाइयों के प्रभाव पर असर पड़ सकता है.

(डिस्कलेमर :-- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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