भारत को समेत पूरी दुनिया में डायबिटीज से लाखों लोग पीड़ित हैं और यह बीमारी खतरनाक दर से बढ़ रही है. मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है. डायबिटीज दो प्रकार होते हैं- टाइप 1 डायबिटीज जिसमें शरीर इंसुलिन का प्रोडक्शन नहीं करता है और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध होता है जिसका मतलब है कि उनका शरीर इंसुलिन का उत्पादन तो करता है, लेकिन इसका प्रभावी ढंग से उपयोग करने में असमर्थ होता है. हालांकि, अच्छी खबर यह है कि कुछ आहार और जीवनशैली में बदलाव करके डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है. इस खबर में कुछ नेचुरल घरेलू उपचार दिए गए हैं जो आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में आपकी मदद कर सकते हैं...
कई शोधों और आयुर्वेद के मुताबिक, मेथी, काली मिर्च, दालचीनी से लेकर अदरक समेत कई अन्य जड़ी-बूटियां ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकती हैं...
नीम की कड़वी पत्तियां मधुमेह के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय है क्योंकि वे फ्लेवोनोइड्स, ट्राइटरपेनोइड, एंटी-वायरल यौगिकों और ग्लाइकोसाइड्स से भरपूर होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं. नीम का पाउडर बनाने के लिए, कुछ सूखे नीम के पत्ते लें और उन्हें ब्लेंडर में डालकर चिकना होने तक पीस लें. अधिकतम लाभ के लिए आप इस पाउडर का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं.जामुन के बीज
जामुन में हाइपोग्लाइकेमिक गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड में शर्करा को कम करने की क्षमता रखते हैं. एक गिलास पानी में एक चम्मच कुचले हुए जामुन के बीज का पाउडर डालें. अच्छी तरह से हिलाएं और इसे नियमित रूप से खाली पेट पिएं
दालचीनी
दालचीनी डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक होती है और इंसुलिन गतिविधि को ट्रिगर करके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकती है. कई अध्ययनों से पता चला है कि यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मददगार होता है जो टाइप-2 मधुमेह के मामलों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके लिए एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और इसे रोजाना पिएं. आप दालचीनी को चाय, स्मूदी और मिठाइयों में भी मिला सकते हैं.
एलोविरा
फाइटोस्टेरॉल से भरपूर एलोवेरा ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है. तुरंत परिणाम के लिए दिन में दो बार एक कप बिना चीनी वाला एलोवेरा जूस पिएं.
काली मिर्च
काली मिर्च में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण रासायनिक तत्व पिपेरिन, ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है और स्पाइक्स को कम कर सकता है. यह पाचन में भी सुधार करता है, जिससे बेहतर ग्लूकोज-इंसुलिन संतुलन होता है. अपने ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए, आप खाली पेट या रात के खाने से 1 घंटे पहले 1 काली मिर्च को 1 चम्मच हल्दी के साथ पीसकर खा सकते हैं.
जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे
जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता रहा है. इसे हिंदी में 'गुड़मार' या 'शर्करा नाशक' के रूप में जाना जाता है, और माना जाता है कि यह शरीर को शुगर और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करता है. जिम्नेमा सिल्वेस्ट्रे को इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने और मिठाई के लिए लालसा को कम करने के लिए भी दिखाया गया है.
डिस्क्लेमर: यहां, आपको प्रदान की गई सभी जानकारी और सिफारिशें केवल आपकी समझ के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. हमारा सुझाव है कि आप इनका पालन करने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श लें.