हैदराबाद: देश का पढ़ा-लिखा एक बड़ा तबका छोटे-बड़े ऑफिसों में दिनभर कुर्सी पर बैठकर काम करता है. इस तबके में 20 साल के युवा से लेकर 60 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं. लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करना आज के वर्क कल्चर का हिस्सा है. लेकिन इस आदत का हमारे शरीर पर क्या असर पड़ रहा है, शायद इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है. अगर आप भी उनमें से एक हैं, जो लंबे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं, तो यहां हम आपको बताने जा रहे हैं इस आदत के 10 खतरनाक साइड इफेक्ट्स...
- कमज़ोर पैर और ग्लूट्स: पूरे दिन बैठे रहने से, आप अपने निचले शरीर की शक्तिशाली मांसपेशियों पर निर्भर नहीं रहते हैं, जिसके चलते वह समय के साथ कमजोर होती जाती हैं. ऐसे में आपके पैर और ग्लूट मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर को चोट लगने का खतरा बना रहता है.
- वजन बढ़ना: एक शोध के अनुसार चलने-फिरने से आपकी मांसपेशियां लिपोप्रोटीन लाइपेस जैसे अणु छोड़ती हैं, जो आपके द्वारा खाए जाने वाले वसा और शर्करा को इस्तेमाल करते हैं. लेकिन जब आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो इन अणुओं का स्राव कम होता है और आपके पिछले हिस्से के चौड़े होने का खतरा बढ़ जाता है. एक शोध में पाया गया कि, जो पुरुष सामान्य से अधिक समय बैठे रहते हैं, उनका वजन मध्य भाग यानी पेट में अधिक बढ़ता है, जो वसा जमा करने के लिए सबसे खतरनाक स्थान है.
- तंग कूल्हे और पीठ की परेशानी: लंबे समय तक बैठे रहने से पैर और ग्लूट की मांसपेशियों की तरह, आप कूल्हे और पीठ की परेशानियों से भी पीड़ित रहेंगे. बैठने से आपके हिप फ्लेक्सर्स छोटे हो जाते हैं, और आपकी बैठने की स्थिति भी आपकी पीठ के लिए परेशानी का सबब बन सकती है. बैठते समय खराब मुद्रा आपकी रीढ़ की हड्डी में डिस्क पर दबाव पैदा कर सकती है और समय से पहले विकृति पैदा कर सकती है.
- कैंसर होने का खतरा: हाल ही में किए गए कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि लंबे समय तक बैठे रहने से फेफड़े, गर्भाशय और पेट के कैंसर सहित कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि अभी तक इसके कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं.
- हृदय संबंधी समस्या: लंबे समय तक बैठे रहने से आपके दिल को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. एक शोध की माने तो जो पुरुष प्रति सप्ताह 23 घंटे से अधिक समय तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं, उनमें हृदय संबंधी बीमारी से मरने का जोखिम उन पुरुषों की तुलना में 64 प्रतिशत अधिक होता है, जो केवल 11 घंटे कुर्सी पर बैठते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग अधिक बैठते हैं, उनमें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने का जोखिम 147 प्रतिशत अधिक होता है.
- डायबिटीज का खतरा: जो लोग ज़्यादा समय बैठे रहते हैं, उनमें मधुमेह का जोखिम 112 प्रतिशत बढ़ जाता है. एक अध्ययन में पाया गया है, जिसमें सिर्फ़ पांच दिन बिस्तर पर आराम करने के प्रभावों को देखा गया, शोधकर्ताओं ने इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि देखी, जो मधुमेह का एक अग्रदूत है.
- वैरिकाज वेंस की समस्या: लंबे समय तक बैठे रहने से पैरों में खून का बहाव कम हो जाता है. इससे वैरिकोज वेन्स या स्पाइडर वेन्स की समस्या हो सकती हैं, जो कि वैरिकोज वेन्स का एक छोटा रूप है. हालांकि ये आम तौर पर खुद हानिकारक नहीं होती हैं, लेकिन ये सूजी हुई और दिखाई देने वाली नसें देखने में भद्दी लग सकती हैं.
- चिंता और अवसाद की समस्या: बैठने के शारीरिक प्रभावों के अलावा मानसिक प्रभावों के बारे में कम ही लोग जानते हैं. लेकिन जो लोग ज़्यादा समय तक बैठकर काम करते हैं, उनमें अवसाद और चिंता दोनों का जोखिम ज़्यादा होता है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि जब कोई व्यक्ति चलने-फिरने के बजाय बैठकर अपना दिन बिताता है, तो उसे फिटनेस के मानसिक स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाते.