कच्चा पपीता, जिसे कैरिका पपीता के नाम से भी जाना जाता है, कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह फल कैरिकेसी परिवार से संबंधित है. इसकी उत्पत्ति कोस्टा रिका और दक्षिणी मैक्सिको में हुई थी. हालांकि, इसकी लोकप्रियता के कारण, लोगों ने इसे भारत, ऑस्ट्रेलिया और हवाई के ट्रॉपिकल और सब ट्रॉपिकल क्षेत्रों में भी उगाना शुरू कर दिया. विभिन्न बायोएक्टिव कंपाउंड की उपस्थिति के कारण, कच्चे पपीते का उपयोग विभिन्न पारंपरिक दवाओं में किया जाता रहा है.
दरअसल, कच्चा पपीता पपीते के पौधे का कच्चा फल है. इसका इस्तेमाल आमतौर पर कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है और यह कई तरह के स्वास्थ्य लाभों से भरपूर होता है. कच्चा पपीता सेहतमंद होता है क्योंकि यह आहार फाइबर, विटामिन सी, विटामिन ए, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है. इसमें पपेन जैसे एंजाइम भी हो सकते हैं जो पाचन में सहायता करते हैं और सूजन-रोधी गुण प्रदान करते हैं. कच्चे पपीते में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं, जो कई तरह के विटामिन और मिनरल से भरपूर होते है. इस खबर के माध्यम से जानें रोजाना कच्चा पपीता खाने के फायदों के बारे में...
बेहतर पाचन: विशेषज्ञों का कहना है कि हरे पपीते में मौजूद एंजाइम पपेन गैस्ट्रिक एसिड के स्राव को बढ़ाने में बहुत उपयोगी है जो पाचन में सहायता करता है. ऐसा कहा जाता है कि इसमें मौजूद एंजाइम पेट से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पाचन में सुधार होता है और अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है.
कैंसर से बचाता है: विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चा पपीता कैंसर के खतरे को कम करता है. ऐसा कहा जाता है कि इसके लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट शरीर से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालते हैं और कोशिकाओं को क्षति से बचाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह विशेष रूप से पुरुषों में प्रोस्टेट और कोलन कैंसर जैसे कुछ कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है. कई अध्ययन भी इस बात का संकेत देते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के सदस्यों के एक समूह ने एक अध्ययन में यह बात स्पष्ट भी की है. (रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें).
पीलिया: विशेषज्ञों का कहना है कि हरा पपीता पीलिया से बचाव में बहुत फायदेमंद होता है. कहा जाता है कि हर तीन घंटे में आधा गिलास पपीते का जूस पीने से पीलिया से राहत मिलती है.
मलेरिया: पपीते में मौजूद विटामिन ए और सी मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार माने जाते हैं. विशेषज्ञ यह भी सुझाव देते हैं कि पपीते की पत्ती के रस के सेवन से मलेरिया और डेंगू के रोगियों में प्लेटलेट काउंट बढ़ता है.
शरीर में सूजन को कम करता है: विशेषज्ञों का कहना है कि हरा पपीता शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है. ऐसा कहा जाता है कि हरे पपीते में मौजूद पोषक तत्व गले के संक्रमण, श्वसन संक्रमण, मासिक धर्म में ऐंठन सहित शरीर में कई प्रकार के दर्द, जलन और सूजन को कम करने में प्रभावी रूप से काम करते हैं.
वजन घटाने के लिए: कच्चे पपीते में कैलोरी कम होती है. कहा जाता है कि इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है. इससे अनावश्यक भोजन का सेवन कम हो जाता है, जिससे वजन कम किया जा सकता है .
हृदय स्वास्थ्य के लिए: हरे पपीते में मौजूद पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
त्वचा के स्वास्थ्य के लिए: कहा जाता है कि हरा पपीता न केवल स्वास्थ्य बल्कि सुंदरता बढ़ाने में भी मदद करता है. ऐसा कहा जाता है कि इसमें मौजूद विटामिन सी और ई त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है और झुर्रियों को रोकता है.
(नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)