दिल्ली

delhi

ETV Bharat / health

कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे रोजमर्रा की घरेलू चीजें जिम्‍मेदार : विशेषज्ञ - भारत में कैंसर के मामले

Cancer Causes In India : भारत सहित दुनिया भर में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी जारी है. भविष्य में कैंसर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर और तेज होने की संभावना है. इसी बीच डॉक्टरों का मानना है कि घरों में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की वस्तुएं कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य रूप से जिम्मेदार है. पढ़ें पूरी खबर..

Cancer Causes In India
Cancer Causes In India

By IANS

Published : Feb 4, 2024, 6:07 PM IST

नई दिल्ली :विश्व कैंसर दिवस पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा कि घरों में इस्तेमाल होने वाली रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे प्लास्टिक की बोतलें, टी बैग, सौंदर्य उत्पाद, ई-सिगरेट और हुक्का कैंसर के बढ़ते खतरे में योगदान दे रहे हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर एजेंसी इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने एक सख्त चेतावनी में कहा था कि 2050 तक नए कैंसर के मामलों में 77 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जो सालाना 3.5 करोड़ (35 मिलियन) से अधिक मामलों तक पहुंच जाएगा.

एजेंसी ने इस खतरनाक स्थिति के लिए जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण को प्रमुख दोषी माना गया है. एक्शन कैंसर अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. जे.बी. शर्मा के अनुसार, घर में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली कई चीजें संभावित रूप से कैंसर के खतरे को बढ़ा रही हैं.

डॉ. जे.बी. शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया, 'पीने के पानी के लिए उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों में माइक्रोप्लास्टिक हो सकते हैं और प्लास्टिक की थैलियों से गर्म चाय पीने या कुछ खाने से आपके शरीर में एपिक्लोरोहाइड्रिन जैसे हानिकारक रसायन प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कैंसर की संभावना बढ़ जाती है.'

इसके अलावा, आधुनिक चीजें जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ जोखिम भी पैदा करती हैं. ओवन में प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग करने या नॉन-स्टिक कुकवेयर में पकाए गए भोजन का सेवन करने से व्यक्ति हानिकारक रसायनों के संपर्क में आ सकते हैं, जो संभावित रूप से कैंसर का कारण बन सकते हैं.

विशेषज्ञों ने कहा कि जोखिम को कम करने और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए इन कारकों के बारे में जागरूकता महत्वपूर्ण है. इसके अलावा रोजमर्रा के सौंदर्य उत्पाद भी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। नेल पॉलिश और नेल पॉलिश रिमूवर में खतरनाक रसायन होते हैं, जिनमें टोल्यूनि, फॉर्मेल्डिहाइड और एसीटोन शामिल हैं, जिन्हें कार्सिनोजेन के रूप में जाना जाता है.

धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. रजित चन्ना ने कहा, 'केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट जैसे फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड रिलीजिंग एजेंट कैंसर का महत्वपूर्ण खतरा पैदा करते हैं. वहीं कुछ हेयर स्ट्रेटनिंग उत्पादों के उपयोग से अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.

संभावित कैंसर संबंधी जटिलताओं को रोकने के लिए दैनिक सौंदर्य दिनचर्या में केमिकल युक्त चीजों को जानना महत्‍वपूर्ण है. इसके अलावा ऑन्कोलॉजिस्ट ई-सिगरेट से प्रेरित युवाओं में कैंसर में वृद्धि देख रहे हैं. युवाओं में हुक्का सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति विशेष रूप से फ्लेवर हुक्का विभिन्न हानिकारक रसायनों को जन्‍म देता है.

नारायणा अस्पताल, गुरुग्राम में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार और निदेशक डॉ. रणदीप सिंह ने कहा, 'पारंपरिक धूम्रपान के विकल्प के रूप में ई सिगरेट की लोकप्रियता बढ़ रही है. हालांकि ई सिगरेट में इस्तेमाल से होने वाले रसायन जैसे निकोटीन, फॉर्मेल्डिहाइड, टिन, निकल, लेड, क्रोमियम, आर्सेनिक और डायएसिटाइल मेटल फेफड़ों के कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा देते हैं.

विशेषज्ञों ने बताया कि ई सिगरेट और फ्लेवर्ड हुक्का दोनों में डायएसिटाइल, कार्बन मोनोऑक्साइड, कैडमियम, अमोनिया, रेडॉन, मीथेन और एसीटोन जैसे खतरनाक रसायन होते हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं.

ये भी पढ़ें

विश्व कैंसर दिवस 2024: सही समय पर जांच व इलाज से कम हो सकती है कैंसर से जनहानि

भारत : कैंसर के 2022 में 16 लाख नये मामले, 9 लाख लोगों की हुई मौत

ABOUT THE AUTHOR

...view details