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इस पेड़ की छाल हाई ब्लड शुगर कर सकता है कंट्रोल, मोटापे को कम करने में कर सकता है मदद, जानें क्या कहते हैं वैज्ञानिक

अर्जुन के पेड़ को आयुर्वेद में बेहतरीन जड़ी-बूटी मानता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल जैसे कई औषधीय गुण होते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

ARJUN BARK CONTROLS HIGH BLOOD SUGAR, REDUCES OBESITY
इस पेड़ की छाल हाई ब्लड शुगर कर सकता है कंट्रोल (CANVA)

By ETV Bharat Health Team

Published : Nov 6, 2024, 12:45 PM IST

Updated : Nov 6, 2024, 12:51 PM IST

ऐसे कई प्राकृतिक तत्व हैं जिन्हें हम अपने आसपास रोज देखते हैं, लेकिन उनके दुर्लभ लाभों से अंजान होते हैं. इनमें से एक है अर्जुन या टर्मिनलिया अर्जुन का पेड़. जिसे कहीं भी सड़क किनारे आसानी से देखा जा सकता है. लेकिन आपको शायद ही पता होता कि यह साधारण सा पेड़ स्वास्थ्य के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है. आयुर्वेद इसे एक बेहतरीन जड़ी-बूटी मानता है. आयुर्वेद के अनुसार, अर्जुन की छाल या अर्जुन की छाल से कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है और उनकी रोकथाम की जा सकती है.

इसके औषधीय गुणों के कारण इसकी छाल का चूर्ण बनाकर सभी औषधियों में उपयोग किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार अर्जुन की छाल के सेवन से डायबिटीज, मोटापा और यहां तक ​​कि दिल की बीमारियों को भी कंट्रोल किया जा सकता है. इस खबर में विस्तार से जानें कि इस पेड़ के और क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ होते है...

अर्जुन के पेड़ को क्या खास बनाता है?
अर्जुन पेड़ की छाल में कई खास तत्व होते हैं जिसके कारण इसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है. वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, इसमें कुछ एसिड जैसे कार्बोक्जिलिक एसिड, ट्राइहाइड्रॉक्सी ट्राइटरपीन, एलाजिक एसिड और बीटा-सिटोस्टेरॉल मौजूद होते हैं. जो इसकी छाल को कई बीमारियों को ठीक करने के लिए बेहतरीन बनाते हैं. इनमें से कई एसिड आपकी त्वचा के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं और सौंदर्य उत्पादों में इस्तेमाल किए जाते हैं. यही कारण है कि आयुर्वेद में अर्जुन की छाल को त्वचा के लिए भी फायदेमंद माना गया है. इसकी छाल का उपयोग कई आयुर्वेदिक और जैविक सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है.

डायबिटीज या ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए अर्जुन छाल पाउडर
डायबिटीज के कारण शरीर में ब्लड शुगर बढ़ जाता है जिससे कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं और अंग खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन अर्जुन पेड़ की छाल के पाउडर का उपयोग करके ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए अर्जुन की छाल को कुछ सूखे जामुन के साथ बराबर मात्रा में पीस लें और इस चूर्ण का रोजाना रात को सोने से पहले सेवन करें. इससे आपके शरीर में इंसुलिन का उत्पादन भी सामान्य हो जाएगा.

वेट लॉस में मददगार
अर्जुन की छाल के सेवन से मोटापे को भी कंट्रोल किया जा सकता है. मोटापा इन दिनों एक बड़ी समस्या बन गया है और लाखों लोग इसकी वजह से गंभीर और घातक बीमारियों से पीड़ित हैं. तो अगर आप मोटापा कंट्रोल करने का आयुर्वेदिक तरीका ढूंढ रहे हैं तो अर्जुन की छाल आपकी मदद कर सकती है. दरअसल, अर्जुन के पेड़ की छाल का काढ़ा नियमित रूप से पीने से आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और पाचन क्रिया बेहतर होती है. इसलिए इसके सेवन से शरीर में वसा जलने की गति बढ़ती है और वजन कम होता है.

हार्ट डिजीज में सहायक
दुनिया में ज्यादातर लोग दिल की बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट फेल्योर आदि से मरते हैं. भारत में भी हर साल बड़ी संख्या में लोग इन बीमारियों का शिकार होते हैं. लेकिन अर्जुन की छल के सेवन से दिल की बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है. इसकी छाल को पानी में उबालकर इसकी चाय बनाकर पीने से दिल की बीमारियों से बचाव होता है. इसके अलावा यह चाय आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक है.

कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार
टर्मिनलिया अर्जुन की छाल का उपयोग पारंपरिक रूप से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है. टर्मिनलिया अर्जुन पेड़ की छाल में ऐसे रसायन होते हैं जो हृदय को उत्तेजित कर सकते हैं. इसके ऐसे प्रभाव भी हो सकते हैं जो कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को कम करते हैं. लोग सीने में दर्द, अस्थमा, एथलेटिक प्रदर्शन, हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और कई अन्य स्थितियों के लिए टर्मिनलिया अर्जुन का उपयोग करते हैं.

इस अद्भुत पेड़ और इसकी छाल के पाउडर के अनगिनत फायदे हैं. आप इसका सेवन कई तरह से कर सकते हैं, यह पूरी तरह आप पर निर्भर है. इसके अलावा, अर्जुन के पेड़ की छाल का पाउडर भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है. आप इसे प्राप्त कर सकते हैं, इसका सेवन कर सकते हैं और इसके असंख्य लाभों का लाभ उठा सकते हैं.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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Last Updated : Nov 6, 2024, 12:51 PM IST

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