ETV Bharat / state

भारत में रोबोटिक प्रणाली से हुई दुनिया की पहली कार्डियक टेलीसर्जरी, डॉक्टर ने किया दावा - TELEROBOTIC CARDIAC SURGERY

SSI मंत्रा के मेड-इन-इंडिया सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम की मदद से हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, 58 मिनट में सफलतापूर्वक टेलीसर्जरी

रोबोटिक कार्डियक टेलीसर्जरी
रोबोटिक कार्डियक टेलीसर्जरी (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 11, 2025, 10:40 PM IST

नई दिल्ली: चिकित्सा क्षेत्र में नई नई तकनीकों से मरीजों का इलाज करने में डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए सुविधाएं बढ़ रही हैं. इसी क्रम में एक नई तकनीक से रोबोटिक कार्डियक टेलीसर्जरी को 280 किलोमीटर की दूरी से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है. यह सर्जरी कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक तकनीक से जयपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में इस सर्जरी को एनसीआर में बैठकर अंजाम दिया.

डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने दावा किया कि यह दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी है. रिमोट के द्वारा टेली रोबोटिक-असिस्टेड इंटरनल मेमोरी आर्टरी हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया को 58 मिनट में सफतापूर्वक पूरा किया गया. साथ ही मरीज को दो से तीन घंटे ऑब्जर्वेशन में रखकर छुट्टी दे दी गई. डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे द्वारा रोबोट को दी गई कमांड के आधार पर मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर में चीफ ऑफ कार्डियक सर्जरी डॉ. ललित मलिक ने जयपुर की रिमोट लोकेशन में विशेषज्ञों की टीम के साथ इस सर्जरी में सहयोग किया.

कार्डिएक सर्जन डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव (ETV Bharat)

टेलीसर्जरी की बदलावकारी क्षमता की पुष्टि: यह सर्जरी मात्र 35-40 मिलिसैकण्ड की लो लेटेंसी के साथ बेहतरीन सटीकता का प्रदर्शन किया है. इस प्रक्रिया के बाद और रोबोटिक बीटिंग हार्ट टोटली एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. इसे सबसे जटिल कार्डियक सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है. इस उपलब्धि ने आने वाले समय में टेलीसर्जरी की बदलावकारी क्षमता की पुष्टि कर दी है, जो भोगौलिक सीमाओं के दायरे से परे, किसी भी दूरी पर स्थित मरीज़ उच्च गुणवत्ता और सटीक मेडिकल देखभाल का लाभ उठा सकेंगे.

सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम: उन्होंने एसएसआई मंत्रा 3 सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, दुनिया का एक मात्र रोबोटिक सिस्टम है, जिसे टेलीसर्जरी और टेली-प्रॉक्टरिंग के लिए विनियामक अनुमोदन मिला है. डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन द्वारा अनुमोदित यह मान्यता रिमोट सर्जरियों और मेडिकल शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करती है, जिसके द्वारा एक दूसरे से लम्बी दूरी पर स्थित चिकित्सा पेशेवर आपसी सहयोग से काम कर सकेंगे.

टेली-रोबोटिक सर्जरी के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता: यह आधुनिक टेक्नोलॉजी चिकित्सा सेवाओं को लम्बी दूरी पर सुलभ बनाकर सर्जरियों में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी. विश्वस्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञता को दुनिया के सबसे सुदूर इलाकों में लाकर यह रिमोट हेल्थकेयर के भविष्य की शुरूआत करेगी और मरीज़ों की देखभाल की परिभाषा को पूरी तरह से बदल देगी. उन्होंने बताया कि इस टेली रोबोटिक सर्जरी के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है.

यह भी पढ़ें :

नई दिल्ली: चिकित्सा क्षेत्र में नई नई तकनीकों से मरीजों का इलाज करने में डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए सुविधाएं बढ़ रही हैं. इसी क्रम में एक नई तकनीक से रोबोटिक कार्डियक टेलीसर्जरी को 280 किलोमीटर की दूरी से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है. यह सर्जरी कार्डियक सर्जन डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक तकनीक से जयपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में इस सर्जरी को एनसीआर में बैठकर अंजाम दिया.

डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने दावा किया कि यह दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी है. रिमोट के द्वारा टेली रोबोटिक-असिस्टेड इंटरनल मेमोरी आर्टरी हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया को 58 मिनट में सफतापूर्वक पूरा किया गया. साथ ही मरीज को दो से तीन घंटे ऑब्जर्वेशन में रखकर छुट्टी दे दी गई. डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे द्वारा रोबोट को दी गई कमांड के आधार पर मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर में चीफ ऑफ कार्डियक सर्जरी डॉ. ललित मलिक ने जयपुर की रिमोट लोकेशन में विशेषज्ञों की टीम के साथ इस सर्जरी में सहयोग किया.

कार्डिएक सर्जन डॉक्टर सुधीर श्रीवास्तव (ETV Bharat)

टेलीसर्जरी की बदलावकारी क्षमता की पुष्टि: यह सर्जरी मात्र 35-40 मिलिसैकण्ड की लो लेटेंसी के साथ बेहतरीन सटीकता का प्रदर्शन किया है. इस प्रक्रिया के बाद और रोबोटिक बीटिंग हार्ट टोटली एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बायपास प्रक्रिया को अंजाम दिया गया. इसे सबसे जटिल कार्डियक सर्जिकल प्रक्रियाओं में से एक माना जाता है. इस उपलब्धि ने आने वाले समय में टेलीसर्जरी की बदलावकारी क्षमता की पुष्टि कर दी है, जो भोगौलिक सीमाओं के दायरे से परे, किसी भी दूरी पर स्थित मरीज़ उच्च गुणवत्ता और सटीक मेडिकल देखभाल का लाभ उठा सकेंगे.

सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम: उन्होंने एसएसआई मंत्रा 3 सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम, दुनिया का एक मात्र रोबोटिक सिस्टम है, जिसे टेलीसर्जरी और टेली-प्रॉक्टरिंग के लिए विनियामक अनुमोदन मिला है. डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन द्वारा अनुमोदित यह मान्यता रिमोट सर्जरियों और मेडिकल शिक्षा का मार्ग प्रशस्त करती है, जिसके द्वारा एक दूसरे से लम्बी दूरी पर स्थित चिकित्सा पेशेवर आपसी सहयोग से काम कर सकेंगे.

टेली-रोबोटिक सर्जरी के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता: यह आधुनिक टेक्नोलॉजी चिकित्सा सेवाओं को लम्बी दूरी पर सुलभ बनाकर सर्जरियों में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी. विश्वस्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञता को दुनिया के सबसे सुदूर इलाकों में लाकर यह रिमोट हेल्थकेयर के भविष्य की शुरूआत करेगी और मरीज़ों की देखभाल की परिभाषा को पूरी तरह से बदल देगी. उन्होंने बताया कि इस टेली रोबोटिक सर्जरी के लिए हाई स्पीड इंटरनेट की आवश्यकता होती है.

यह भी पढ़ें :

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.