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'तीसरी तिमाही के बेहतर होंगे परिणाम, बढ़ेगा शेयर मार्केट' - THIRD QUARTER RESULT

तीसरे क्वार्टर में इकोनोमी की स्थिति बेहतर होगी. कंपनियों के रिजल्ट अच्छे आने की उम्मीद हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है.

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कॉन्सेप्ट फोटो (Getty Image)

By IANS

Published : Jan 2, 2025, 6:36 PM IST

नई दिल्ली : वर्ष 2025 की शुरुआत के साथ ही अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यभार संभालने से पहले दुनिया में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है, लेकिन, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. यह जानकारी गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई.

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में बताया गया कि जीएसटी संग्रह, सर्विस परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई), एयर पैसेंजर ग्रोथ और वाहनों का पंजीकरण में वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही की तुलना में वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मजबूत वद्धि देखने को मिली है.

वहीं, दूसरी तरफ चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार धीमी होती जा रही है और प्रशासन के लिए घरेलू खपत बढ़ाना और रियल एस्टेट सेक्टर को फिर से वृद्धि की ओर ले जाना एक चुनौती बन गया है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था विकास के बारे में मिश्रित संकेत दे रही है. श्रम बाजार में नरमी दिख रही है और मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां कमजोर बनी हुई हैं. खुदरा बिक्री, आवास बिक्री और सेवा क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. यूरोप में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों ने अभी तक गति नहीं पकड़ी है. वहीं सेवा क्षेत्र फिर से अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है.

भारत में चालू खाता घाटा (सीएडी) वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में जीडीपी का 1.2 प्रतिशत तक कम हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में यह जीडीपी के 1.3 प्रतिशत के बराबर था. बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री सोनल बधान ने कहा, " पिछले वर्ष व्यापार घाटा अधिक था, सेवाओं के निर्यात में तेजी के साथ-साथ रेमिटेंस में निरंतर मजबूती ने चालू खाते घाटे को कम किया है. हमारे साल के अंत के बाजार विश्लेषण से पता चलता है कि सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ने कैलेंडर वर्ष 24 में 8.7 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. सेंसेक्स ने इस साल का नया ऑल टाइम हाई बनाया और 85,500 का आंकड़ा पार कर गया."

2024 में रियल एस्टेट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और आईटी का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा. इस दौरान भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 2.8 प्रतिशत घटा, लेकिन इसका प्रदर्शन बाकी अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले काफी अच्छा था. रिपोर्ट के अनुसार, हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स ने अक्टूबर-दिसंबर 2024 की अवधि में मजबूत सुधार दिखाया है. जीएसटी संग्रह तीसरी तिमाही में 8.3 प्रतिशत (सालाना आधार पर) बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है, और यह दूसरी तिमाही के 5.3 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है, जो उपभोग पैटर्न में और सुधार का संकेत देता है.

इसके अलावा त्योहारी मांग के कारण शहरी उपभोग के अन्य संकेतकों में भी सुधार हुआ है. हवाई यात्रा में तीसरी तिमाही में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि दूसरी तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी. सेवा पीएमआई तीसरी तिमाही में 59.2 रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 58.1 थी. बधान ने कहा, "हमें उम्मीद है कि कॉर्पोरेट्स के नतीजे भी तीसरी तिमाही में बेहतर रहने की उम्मीद है."

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि दूसरी छमाही में सरकारी खर्च में तेजी आने और उसके बाद सरकारी और निजी निवेश दोनों में सुधार की उम्मीद से आईआईपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही में बेहतर रहेगी.

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