नई दिल्ली:टेरर फंडिंग मामले के दोषी यासिन मलिक ने जेल में चल रही अपनी हड़ताल समाप्त कर ली है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने आज इस बात की सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दी. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने तिहाड़ जेल प्रशासन से यासिन मलिक के स्वास्थ्य की ताजा स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को करने का आदेश दिया.
दिल्ली हाईकोर्ट आज हत्या और टेरर फंडिंग मामले में दोषी करार दिए गए यासिन मलिक को एम्स या कश्मीर में तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग पर सुनवाई की. जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच ने सुनवाई की. हाईकोर्ट ने 8 नवंबर को यासिन मलिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने यासिन मलिक की मेडिकल स्टेटस रिपोर्ट तलब किया है. कोर्ट ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वो ये सुनिश्चित करें कि यासिन मलिक को जरुरी चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराएं.
याद रहे कि यासिन मलिक 1 नवंबर से जेल में भूख हड़ताल पर हैं. सुनवाई के दौरान यासिन मलिक की ओर से पेश वकील ने कहा था कि भूख हड़ताल की वजह से याचिकाकर्ता की तबीयत खराब हो गई है. यहां तक कि वो अपने पैरों पर भी खड़े नहीं हो पा रहा है. याचिकाकर्ता को स्ट्रेचर पर रखा गया है. ये एक बेहद आपात स्थिति है. याचिकाकर्ता के जीवन और मौत के बीच फासला कम है.
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बता दें कि 25 मई 2022 को पटियाला हाउस कोर्ट ने हत्या और टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए गए यासिन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने यासिन मलिक पर यूएपीए की धारा 17 के तहत उम्रकैद और दस लाख रुपये का जुर्माना, धारा 18 के तहत दस साल की कैद और दस हजार रुपये का जुर्माना, धारा 20 के तहत दस वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 38 और 39 के तहत पांच साल की सजा और पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
कोर्ट ने यासिन मलिक पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत दस वर्ष की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना, धारा 121ए के तहत दस साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि यासिन मलिक को मिली ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इसका मतलब की अधिकतम उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये की सजा प्रभावी होगी.