नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आज आ रहा है. रुझानों में बीजेपी को बढ़त मिली है. आम आदमी पार्टी के केजरीवाल, सीएम आतिशी समेत कई बड़े चेहरे पीछे चल रहे हैं. दिल्ली चुनाव के शुरुआती रुझानों के मुताबिक, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 42 पर भाजपा आगे चल रही है, जबकि आप 28 सीटों पर आगे है. आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से 238 वोटों से पीछे चल रहे हैं.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कालकाजी में मुख्यमंत्री आतिशी पहले दौर की गिनती के बाद भाजपा के रमेश बिधूड़ी से 1,149 वोटों से पीछे चल रही थीं. बिधूड़ी ने कहा, "लोग भाजपा को निर्णायक जनादेश देंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली देश के बाकी हिस्सों के साथ प्रगति करेगी. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि राष्ट्रीय राजधानी से आप का सफाया हो जाएगा."
मुस्तफाबाद में भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट 16,181 वोटों से आगे चल रहे हैं, जहां ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने तीन राउंड के बाद पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मैदान में उतारा था. ओखला में आप के अमानतुल्ला खान बीजेपी के मनीष चौधरी से 2,260 वोटों से पीछे चल रहे हैं.
आप के सौरभ भारद्वाज ग्रेटर कैलाश में 459 वोटों से पीछे चल रहे हैं, जबकि दिल्ली कैबिनेट में उनके सहयोगी गोपाल राय बाबरपुर में 8,995 वोटों से आगे चल रहे हैं. तीन राउंड की गिनती के बाद भाजपा के कपिल मिश्रा करावल नगर सीट पर 8,603 वोटों से आगे चल रहे हैं, जबकि त्रिनगर में तिलक राम गुप्ता 8,339 वोटों से आगे हैं.
भगवा पार्टी के उम्मीदवार संजय गोयल (शाहदरा), चंदन चौधरी (संगम विहार), बजरंग शुक्ला (किरारी) और करतार सिंह तंवर (छतरपुर) भी आगे चल रहे हैं. दुर्गेश पाठक (राजिंदर नगर), अंजना पारचा (त्रिलोकपुरी) और वीर सिंह धींगान (सीमापुरी) अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहे.
शुरुआती रुझानों में भाजपा को भारी बढ़त मिलने के बीच दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी का अगला मुख्यमंत्री भगवा पार्टी से होगा. कनॉट प्लेस में हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "अब तक के नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुरूप हैं, लेकिन हम अंतिम नतीजे का इंतजार करेंगे."
1998 से भाजपा दिल्ली में सत्ता से बाहर: भारतीय जनता पार्टी 1998 से दिल्ली में सत्ता से बाहर है. वहीं AAP ने पिछले 10 वर्षों से दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य पर अपना दबदबा बनाए रखा है और साल 2015 और 2020 के चुनावों में भारी बहुमत से जीत हासिल की है. 1998 से 2013 तक दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस पिछले दो चुनावों में एक भी सीट जीतने में नाकाम रहने के बाद वापसी की कोशिश कर रही है. हालांकि इस बार भी कांग्रेस की हालत पतली ही नजर आ रही है.
बता दें, दिल्ली की सभी 70 सीटों पर पांच फरवरी को मतदान हुआ था और इस बार 60.54 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि दिल्ली में पिछली बार 62.60 प्रतिशत मतदान हुआ था. गौरतलब है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 11 जिलों में कुल 19 मतगणना केंद्र बनाए गए, जहां काउंटिंग चालू है.
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