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वर्ल्ड एड्स डे पर इंदौर में राष्ट्रीय कार्यक्रम, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताए जिंदगी के मंत्र

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सतत विकास से 2030 तक रोका जा सकेगा जानलेवा संक्रमण.

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वर्ल्ड एड्स डे पर इंदौर में राष्ट्रीय कार्यक्रम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 1, 2024, 4:32 PM IST

Updated : Dec 1, 2024, 5:03 PM IST

इंदौर: देश और दुनिया में सबसे घातक वायरस बीमारी साबित हो रहे एड्स के संक्रमण पर भारत में सतत विकास के जरिए 2030 तक काबू पाया जा सकेगा. वर्ल्ड एड्स डे पर रविवार को इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने एड्स की रोकथाम को लेकर नए सिरे से डेडलाइन तय की है. एड्स से प्रभावित लोगों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने को लेकर अपील की.

2017 में लागू हुआ एचआईवी प्रोटेक्शन एक्ट

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डाने कहा कि "एक दशक पहले तक लोगों को एड्स संक्रमण के बारे में ना तो पता चल पाता था और ना ही उपचार उपलब्ध हो पाता था. जिन लोगों को एड्स होता था उन लोगों से भेदभाव और घृणा की जाती थी. बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की इलाज के अभाव में ही मौत भी हो जाती थी. 2017 में लागू किए गए एचआईवी प्रोटेक्शन एक्ट के बाद एड्स रोगियों के प्रति मानव अधिकार की दिशा में प्रयास किए गए. अब ऐसे मरीजों को सामाजिक भेदभाव और वर्कप्लेस पर बहिष्कार जैसी परेशानियों से मुक्ति मिल गई है."

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा एड्स के खिलाफ जन जागरूकता सबसे जरूरी (ETV Bharat)

'2030 तक रोका जा सकेगा जानलेवा संक्रमण'

फिलहाल देश में 173000 नोटिफाई एचआईवी मरीज है जबकि वास्तविक मरीजों की संख्या इससे कहीं ज्यादा होगी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डाने कहा कि "देश में एड्स संक्रमण के रोगियों की जांच के लिए अब 90% डिक्टेशन, 90% एआर टी और 90% ही वायरल जांच का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इतना ही नहीं देश में सतत विकास के जरिए 2030 तक एड्स के प्रति भारत सरकार सस्टेनेबल डेवलपमेंट लक्ष्य की प्राप्ति कर लेगा. जिसके चलते देश की कुल आबादी के 95% लोगों की जांच के अलावा एआर टी और 95% ही वायरल लोड जांच हो सकेंगी. जिससे संक्रमण को रोक पाना संभव हो सकेगा."

'एड्स के खिलाफ जन जागरूकता सबसे जरूरी'

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डाने कहा कि "बड़े जन समूह के बीच एड्स के खिलाफ जन जागरूकता सबसे जरूरी है. यह संक्रमण कैसे हो सकता है, इसमें किस-किस तरह से बचाव कर सकते हैं. इस चीज को बताने की जरूरत अब न केवल जन सामान्य बल्कि 9वीं और 10वीं के बच्चों के बीच अभियान के तहत जागरूकता लानी होगी. उन्होंने कहा फिलहाल अभी तक ऐसी कोई दवा नहीं आई कि एक बार दवा लेने पर एड्स के रोगी आजीवन बिना उपचार के रह सकें लेकिन सरकार जो दवाई निशुल्क उपलब्ध करा रही है उसे सतत लेने पर मरीज और उनके परिवार अपना पूरा जीवन जी सकते हैं."

'44% की दर से संक्रमण में कमी'

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में जानकारी देते हुए बताया कि "देश में एड्स संक्रमण के नए केस में 44% की दर से कमी आई है जबकि 79% की दर से अब मृत्यु दर कम हो रही है. एड्स संक्रमण की वैश्विक दर 0.7% है जबकि भारत में यह 0.20% है. इसके बावजूद देश में फार्मा कंपनी और मेडिकल साइंस द्वारा सबसे प्रभावी और सस्ती दवा बनाने के कारण आज भारत में इस संक्रमण से प्रभावित लोग अपनी पूरी उम्र जी रहे हैं क्योंकि सरकार ने एचआईवी प्रोटेक्शन एक्ट के तहत उन्हें संक्रमण के बाद से ही निशुल्क इलाज की सुविधा दी है. इतना ही नहीं भारत में तैयार एड्स की सबसे प्रभावी दवा अब साउथ अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कई देशों में भेजी जा रही हैं. यह एड्स रोग के प्रति देश की प्रतिबद्धता का परिणाम है."

मध्य प्रदेश में अब 38 मेडिकल कॉलेज

विश्व एड्स दिवस समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन में मेडिकल कॉलेज के विस्तार का जिक्र करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में न केवल एड्स रोग के प्रति उपचार प्रयास सबसे प्रभावी है. जिसके चलते मध्य प्रदेश में रोगियों के उपचार में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा मध्य प्रदेश में पहले 5 फिर 12 लेकिन अब 38 मेडिकल कॉलेज खुल चुके हैं. इन मेडिकल कॉलेज में 198 प्रतिशत सीट बड़ी हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट की संख्या 2587 हो चुकी है.

Last Updated : Dec 1, 2024, 5:03 PM IST

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