ग्वालियर : मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक ऐसी महिला का ऑपरेशन किया गया है, जो बीते 21 माह से अपने पेट में कैंची लेकर घूम रही थी. ओवेरियन कैंसर का इलाज करा रही महिला लंबे समय से दर्द की शिकायत कर रही थी, जिसके बाद डॉक्टर्स ने उसे सीटी स्कैन कराने की सलाह दी. सीटी स्कैन में पेट के निचले हिस्से की जो रिपोर्ट आईं वो देखकर पीड़ित के पैरों तले जमीन खिसक गई. ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में अब महिला का ऑपरेशन कर कैंची को बाहर निकाला गया है.
2 साल से पेट में कैंची
दरअसल, भिंड जिले के मेहगांव के सौंधा गांव की रहने वाली कमला देवी के साथ ये घटना घटी. पीड़ित महिला के पति कमलेश ने बताया कि दो साल पहले ग्वालियर के कमला राजा शासकीय अस्पताल में उसकी पत्नी का ओवेरियन कैंसर का ऑपरेशन कराया था. लेकिन ऑपरेशन के कुछ समय बाद उसे पेट दर्द की शिकायत होने लगी. कई बार अलग अलग डॉक्टरों को भी दिखाया लेकिन आराम नहीं मिला. कुछ दिन पहले जब डॉक्टर की सलाह पर भिंड जिला अस्पताल में महिला का सीटी स्कैन कराया तो होश उड़ गए. पेट के अंदर कैचीनुमा चीज नजर आई.
पेट से निकाली गई कैंचीनुमा चीज
इसके बाद कमलेश अपनी पत्नी को लेकर ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल पहुंचे और भर्ती कराया. रिपोर्ट्स देखने पर डॉक्टरों को माजरा समझ आगया और अस्पताल अधीक्षक के निर्देश पर तत्काल महिला का ऑपरेशन कराया गया, जिसमे महिला के पेट में कैंची की जगह एक चिमटी निकली है जिसका उपयोग ऑपरेशन के दौरान खून रोकने के लिए किया जाता है. पीड़ित महिला के पति कमलेश ने कहा, '' शनिवार को कमला राजा अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने पत्नी का ऑपरेशन कर कैंची को निकाल दिया है. पहले कैंसर की बीमरी ने बर्बाद किया. अब ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से जीवन बर्बाद हो गया है, जो भी इसके लिए जिम्मेदार है उसपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.''
प्रबंधन ने माना लापरवाही हुई
इधर गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन आरकेएस धाकड़ इस मामले में डॉक्टरों की लापरवाही मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस लापरवाही पर की जांच के आदेश दिए गए हैं और पता किया जा रहा है कि पहले महिला का ऑपरेशन किसने किया था. ऑपरेशन में प्रयोग आने वाले औजारों की पहले और ऑपरेशन के बाद गिनती की जाती है. शायद यहीं पर किसी से गलती हुई है, जो अब जांच का विषय है.
कैची जैसी दिखने वाली चीज आर्टरी फोरसेप
डीन आरकेएस धाकड़ ने कहा, '' महिला के पेट से कोई कैंची नहीं निकली है क्योंकि ऑपरेशन के दौरान शरीर के अंदर कैंची का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. बल्कि ऑपरेशन में नसों से खून निकलने से रोकने के लिए इस्तेमाल करने वाला सूरजिकल टूल 'मॉसकीटो आर्टरी फोरसेप' निकला है. कई बार जटिल ऑपरेशन में कई आर्टरी फोरसेप इस्तेमाल करने पड़ते हैं. हालांकि, इससे खतरा काफी कम होता है क्योंकि इसमें धार नहीं होती और ये पूरी तरह स्टेनलेस स्टील की बनी होती हैं.''
ऑपरेशन के बाद दिया लापरवाही पर नोटिस
इस पूरे मामले की जनकारी लगते ही डीन ने महिला का ऑपरेशन कराने के निर्देश दिए और शनिवार को ऑपरेशन कर फोरसेप निकाल दिया गया है. साथ ही गायनिक विभाग से इस केस के ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी और डेटा भी मंगवाया है. और एक नोटिस भी लापरवाही को लेकर जारी किया है. साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की बात भी कही है.