जबलपुर: किसानों को फार्मर रजिस्ट्री करवाना अब अनिवार्य हो गया है. यदि किसान ने फार्मर रजिस्ट्री नहीं करवाई है किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण निधि मिलना बंद हो जाएगी. इसके साथ ही समर्थन मूल्य पर किसान कोई अनाज नहीं बेच पाएगा. इसलिए किसानों को फार्मर रजिस्ट्री करवाना अनिवार्य कर दिया गया है. जबलपुर में 47000 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है और अभी भी 1 लाख से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिनकी फार्मर रजिस्ट्री नंबर जारी नहीं हुए हैं.
फार्मर रजिस्ट्री बनाने का जानिए तरीका
केंद्र सरकार किसानों को एक यूनिक आईडी कोड जारी कर रही है. इसे फार्मर रजिस्ट्री का नाम दिया गया है. इसमें किसानों को 11 अंकों का एक नंबर मिलेगा जो उनका यूनिक आईडी कोड होगा. फार्मर रजिस्ट्री करने के लिए एक ऐप को डाउनलोड करना होगा. इस ऐप में आधार कार्ड का वेरिफिकेशन, मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन, कृषि भूमि और समग्र आईडी की जानकारी देनी होगी. इस तरीके से एक फार्मर रजिस्ट्री कोड जारी हो जाएगा.
कौन बनाएगा फार्मर रजिस्ट्री
जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि "जो किसान खुद यह आईडी नहीं बना पा रहे हैं. उन्हें यह सुविधा गांव के पटवारी या सर्वर सहायक के माध्यम से मिल सकती है. वह भी किसानों का फार्मर आईडी कोड जारी कर सकते हैं. इसके अलावा एमपी ऑनलाइन और कॉमन सर्विस सेंटर पर भी किसानों का फार्मर रजिस्ट्री बन सकती है."
क्यों जरूरी है किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि "यह किसानों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि किसानों को सरकार से मिलने वाली तमाम सुविधाएं इसी कोड के माध्यम से ही पूरी होगी. धान, गेहूं या दूसरे किसी भी अनाज का उपार्जन शासकीय सेवाओं के माध्यम से मिलने वाली राशि इसी फार्मर रजिस्ट्री नंबर के आधार पर किसानों को मिलेगी."
प्रधानमंत्री सम्मान निधि के लिए भी जरूरी है फार्मर रजिस्ट्री
दीपक कुमार सक्सेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि "आने वाले समय में गेहूं के उपार्जन के पहले किसान रजिस्ट्री अभियान में अपना नंबर जारी करवा लें नहीं तो उन्हें अपना गेहूं बेचने में समस्या होगी. प्रधानमंत्री सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में अब फार्मर रजिस्ट्री नंबर डालना जरूरी होगा."
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किसान का होगा यूनिक आईडी कोड
जबलपुर जिले में 1 लाख 65 हजार 270 किसानों के लक्ष्य में अभी तक 47 हजार 341 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री का कार्य पूरा हो चुका है. सरकार का मानना है कि इस कोड के जारी होने के बाद फर्जी किसानों की छटनी हो जाएगी. सरकारी सुविधाएं केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी जिनका यूनिक आईडी होगा या जिनके नाम पर जमीन होगी. सही आइडेंटिफिकेशन होने पर किसान फसल बीमा जैसी योजनाओं को भी सही ढंग से क्रियान्वित किया जा सकेगा.