इंदौर: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 2035 तक देश के 50 फीसदी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयो में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा एनईपी के तहत वार्षिक परीक्षा प्रणाली को खत्म कर उसके स्थान पर यूनिवर्सल सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के भी प्रयास चल रहे हैं. यह बात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के चेयरमैन डॉ. एम. जगदीश कुमार ने कही है.
ऑटोनॉमस महाविद्यालय में हो एनईपी का क्रियान्वयन
दरअसल, इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में सोमवार को जोनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. जिसमें शामिल होने के लिए यूजीसी के चेयरमैन डॉ. एम. जगदीश कुमार इंदौर आए. कार्यक्रम में उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से लेकर कई मुद्दों पर मीडिया से चर्चा की. इस दौरान यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि "एनईपी के तहत एनुअल सिस्टम की जगह सेमेस्टर सिस्टम को लागू करना प्राथमिकता है, इसे लेकर प्रयास जारी हैं. इसका लाभ यह होगा कि थोड़े-थोड़े समय में परीक्षा होने और रिजल्ट आने से यह देखा जा सकेगा कि बच्चों की शिक्षा का स्तर कैसा है."
2035 तक 50 फीसदी महाविद्यालय में लागू हो एनईपी
मीडिया से चर्चा में डॉ. एम. जगदीश कुमार ने कहा, " यूजीसी का लक्ष्य है कि 2035 तक देश के 50 फीसदी विद्यालय और महाविद्यालयों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हो. फिलहाल, 21 फीसदी कॉलेजों में ही यह नीति लागू की जा रही है. अभी भी कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में एनईपी लागू नहीं हुई है. जिन कॉलेजों में एनईपी अभी तक लागू नहीं है, वहां जल्द से जल्द एनईपी लागू करने की कोशिश की जा रही है."
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वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन पर काम कर रही केंद्र सरकार
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन स्कीम को लेकर डॉ. जगदीश कुमार ने कहा, "इसका भी बड़ा योगदान है. एक जैसे कोर्स होने से देशभर में किताबें और स्टडी मटेरियल आसानी से मिल सकेगा. इसके लिए केंद्र सरकार अपनी पॉलिसी पर काम कर रही है. सब्सक्रिप्शन को लेकर होने वाला खर्च केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा." यूजीसी चेयरमैन ने इसके अलावा भी आयोग की प्लानिंग, आगामी योजनाओं और प्रयासों को लेकर बात की. इस दौरान डीएवीवी के कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई भी मौजूद रहे.