नई दिल्ली: श्रीलंकाई नौसेना ने मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए भारतीय नौसेना के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाने की मांग की है, इसे श्रीलंका और भारत के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में एक बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा सकता है.
पिछले महीने भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना को दो श्रीलंकाई ध्वज वाली मछली पकड़ने वाली नौकाओं को पकड़ने में मदद की थी, जो मादक पदार्थ ले जा रही थीं. यह पहला ऐसा मामला था जब श्रीलंकाई नौसेना को समुद्र में भारतीय नौसेना से मदद मिली. इसके बाद श्रीलंकाई नौसेना ने यह पहल की.
श्रीलंका के न्यूज पोर्टल डेली मिरर ( Daily Mirror) की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंकाई नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल प्रियंता परेरा (Priyantha Perera) ने कहा है कि उनका बल भारतीय नौसेना के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में, विशेष रूप से समुद्र में, मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए संयुक्त संचालन बढ़ाने की योजना बना रहा है.
पिछले महीने की घटना का जिक्र करते हुए वाइस एडमिरल परेरा ने कहा कि समुद्र में संभावित मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने पर, श्रीलंकाई अधिकारियों ने कोलंबो में भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया.
उन्होंने कहा, "डिफेंस अताशे (Defence Attache) ने तुरंत कार्रवाई की और तस्करी करने वाले जहाजों का पता लगाने और उन पर नजर रखने के लिए विमान और हाई-टेक ड्रोन तैनात करके भारतीय नौसेना को शामिल किया. श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हुए, नशीले पदार्थों से लदे जहाजों को जब्त करने के लिए भारतीय नौसेना के दो जहाज भेजे गए."
भारतीय उच्चायोग के एक बयान के अनुसार, अरब सागर में श्रीलंकाई ध्वज वाले मछली पकड़ने वाले जहाजों द्वारा संभावित मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में श्रीलंकाई नौसेना से मिली जानकारी के आधार पर, भारतीय नौसेना ने नावों को रोकने के लिए समन्वित अभियान के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की.
बयान में कहा गया है, "भारतीय नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान और दूर से संचालित विमान द्वारा व्यापक निगरानी की गई, जो गुरुग्राम में सूचना संलयन केंद्र (हिंद महासागर क्षेत्र) से प्राप्त इनपुट के आधार पर थी. इसके बाद अभियान को बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना के एक जहाज को तैनात किया गया.
उच्चायोग ने बयान में कहा है कि श्रीलंकाई नौसेना से लगातार मिल रही सूचनाओं और भारतीय नौसेना के विमानों द्वारा हवाई निगरानी के आधार पर दोनों नौकाओं की पहचान की गई. इसके बाद, समन्वित अभियान में, 24 और 25 नवंबर को जहाज की बोर्डिंग टीम द्वारा दोनों नौकाओं को पकड़ा गया और लगभग 500 किलोग्राम मादक पदार्थ (क्रिस्टल मेथ) जब्त किया गया, जिसकी कीमत 170 बिलियन श्रीलंकाई रुपये थी. दोनों नौकाओं, चालक दल और जब्त मादक पदार्थों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए समुद्र में श्रीलंकाई नौसेना के जहाज को सौंप दिया गया.
भारतीय उच्चायोग के बयान में आगे कहा गया कि यह अभियान क्षेत्रीय समुद्री चुनौतियों का संयुक्त रूप से समाधान करने और हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों नौसेनाओं के संयुक्त संकल्प का प्रतीक है.
बयान में कहा गया कि भारत सरकार ने श्रीलंका को भारतीय नौसेना का एक डोर्नियर समुद्री विमान भी प्रदान किया है, ताकि द्वीप राष्ट्र की समुद्री निगरानी क्षमता को बढ़ाया जा सके. यह इस क्षेत्र में भारत को पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में फिर से स्थापित करता है और यह भारत और श्रीलंका के लोगों के लिए दोनों देशों और नौसेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों के लाभों का भी प्रमाण है.
गौरतलब है कि प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन के चौराहे (crossroads) पर हिंद महासागर में श्रीलंका का स्थान इसे समुद्री सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनाता है. संकीर्ण पाक जलडमरूमध्य ( Palk Strait) और मन्नार की खाड़ी दोनों देशों और उससे आगे के क्षेत्रों के बीच अवैध तस्करी के लिए एक गलियारे के रूप में काम करती है.
भारत की विस्तृत तटरेखा और श्रीलंका से इसकी निकटता इसे मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क के लिए असुरक्षित बनाती है. दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने से इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर बेहतर निगरानी सुनिश्चित होती है.
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