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उत्तराखंड के इस गांव की महिलाएं घरेलू काम के साथ बनीं ट्रेकिंग गाइड, 'द वुमेंस विलेज' बनी पहचान - WOMEN BECAME TREKKING GUIDES

उत्तरकाशी के मथोली गांव की महिलाएं मिसाल बनीं. घर का चूल्हा-चौका और मवेशी पालन के साथ ही ट्रेकिंग गाइड और होमस्टे संचालन कर रही हैं.

WOMEN BECAME TREKKING GUIDES
चूल्हा चौका के साथ ट्रेकिंग गाइड और होम स्टे का संचालन कर रहीं महिलाएं (PHOTO- Matholi Villagers)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 1, 2025, 3:42 PM IST

Updated : Jan 1, 2025, 6:40 PM IST

उत्तरकाशी:पहाड़ों में हमेशा महिलाओं का जीवन कठिन माना गया है. लेकिन पहाड़ की महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं. अब पहाड़ की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आ रही हैं. उत्तरकाशी के बनचौरा क्षेत्र के मथोली गांव में ग्रामीण महिलाएं घर का चूल्हा-चौका और मवेशियों के लिए घास लाने के साथ ही ट्रेकिंग गाइड और होम स्टे संचालन का कार्य भी संभाल रही हैं.

मथोली गांव की महिलाएं ट्रेकिंग के साथ ही टेंट लगाने समेत अन्य सुविधाएं पर्यटकों को उपलब्ध कर स्वरोजगार के नए आयाम की कहानी लिख रही हैं. गांव की महिलाएं ब्वारी गांव (द वुमेंस विलेज) नाम से इसका संचालन कर रही हैं.

वर्ष 2022 में पर्वतारोहण और पर्यटन से जुड़े मथोली गांव के प्रदीप पंवार और उनकी पत्नी अनिला पंवार ने गौशाला को होमस्टे का रूप देकर स्वरोजगार की दिशा में कार्य शुरू किया. उसके बाद उन्होंने गांव की महिलाओं को इससे जोड़ा और उन्हें हॉस्पिटिलिटी सहित टेंट लगाने और ट्रेकिंग पर्यटन से जुड़ी जानकारियां और प्रशिक्षण दिया.

उनका यह प्रयास ब्वारी गांव के रूप में बड़ा स्वरूप ले चुका है. मथोली गांव की महिलाओं ने अपने खेत-खलिहान और चूल्हा चौका के कार्य के साथ यहां पर कार्य प्रारंभ किया. वहीं आज यह ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी का मजबूत साधन बन चुका है. इस ब्वारी गांव की विशेषता यह है कि यहां पर सभी कार्य महिलाएं ही करती हैं.

40 महिलाएं जुड़ीं: बता दें कि करीब 30 से 40 ग्रामीण महिलाएं पर्यटकों के स्वागत से साथ उन्हें स्थानीय व्यंजन और गांव के आसपास के क्षेत्रों में ट्रेकिंग करवाती हैं. इसके साथ ही कैंपिंग साइड में टेंट आदि लगाकर ट्रेकिंग की सभी सुविधाएं प्रदान करती हैं. यहां पर 12 माह देश और विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं, जो कि महिलाओं के माध्यम से यहां की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपराओं से भी जुड़ते हैं.

2022 में किया था शुभारंभ: गांव की बबीता, रजनी, अर्चना, मूलमा देवी, राजी आदि का कहना है कि ब्वारी गांव का कार्य शुरू होने के बाद उन्हें स्वरोजगार का एक नया आयाम मिला है. इसके साथ ही देश-विदेश के लोगों के साथ मिलकर कई नई जानकारियां मिल रही हैं, जो कि गांव के विकास में सहयोगी साबित हो रही हैं. प्रदीप पंवार ने वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर घस्यारी कार्यक्रम के आयोजन के साथ द वुमेंस विलेज का शुभारंभ किया था.

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Last Updated : Jan 1, 2025, 6:40 PM IST

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