नई दिल्ली: विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए हैं. विजेंद्र गुप्ता के नाम का प्रस्ताव दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में रखा. लेकिन, अध्यक्ष बनते ही विजेंद्र गुप्ता को विपक्ष के आरोपों का सामना करना पड़ा. नतीजा ये रहा कि सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. विजेंद्र गुप्ता बार-बार विपक्ष को शांत करने की कोशिश करते रहे, लेकिन सफल नहीं हुए. अंत: सदस्यों को सीट पर बैठाने के लिए उन्हें खुद अपनी सीट से उठ खड़ा होना पड़ा.
दरअसल, आज विधानसभा सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण करने के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष के नाम तय करने को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विजेंद्र गुप्ता का प्रस्ताव रखा, तो इसका समर्थन मनजिंदर सिंह सिरसा, प्रवेश वर्मा, कुलवंत राणा, रविन्द्र इंद्रराव ने समर्थन किया. प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली ने सदस्यों से पूछा जो इनके समर्थन में हैं वो 'हां' बोले, तब सत्ता पक्ष के सदस्यों ने एक साथ हां का उदघोष किया, जिसके बाद प्रोटेम स्पीकर ने विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा का स्पीकर बनाए जाने की घोषणा की. उसके बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और नेता विपक्ष आतिशी दोनों विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को लेकर अध्यक्ष की कुर्सी तक आईं और पदभार ग्रहण किया.
कैग रिपोर्ट सदन में पेश की जाएंगी: ईटीवी भारत से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रही है तस्वीर हटाने का वो ठीक नहीं है. उनके दफ्तर में आज भी शहीद भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लगी हुई है. मंगलवार को विधानसभा के पटल पर सीएजी की रिपोर्ट रखी जाएगी, इस पर उन्होंने कहा ये एजेंडा में शामिल है. मंगलवार को आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा लंबित सभी 14 रिपोर्ट सदन पटेल पर रखी जाएगी.
'निगम पार्षद, विधायक रहते हुए विजेंद्र गुप्ता जी ने जो अनुभव हासिल किया है, उम्मीद है कि लोकतांत्रिक प्रणाली से सदन को चलाएंगे. नेता प्रतिपक्ष रहते हुए इन्होंने बहुत संघर्ष किए, कई बार इनको विधानसभा से उठा करके बाहर किया गया, लेकिन वो अपनी अध्यक्षता में किसी भी सदस्य के साथ ऐसी स्थिति ना आए इसका नियमों का पालन करवाते हुए अच्छे माहौल में सदन की कार्यवाही को चलाएंगे.''- रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री, दिल्ली