नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन, मंगलवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 14 रिपोर्ट्स पेश की जाएगी. इनमें शराब नीति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, परिवहन, वित्तीय प्रबंधन और सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित रिपोर्ट्स शामिल हैं. खास बात यह है कि इन रिपोर्ट्स को आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान लंबित रखा था. अब दिल्ली में भाजपा की सरकार है. ऐसे में विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इन जगहों पर फाइलें अटकी रही: सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 और 2023 की अधिकांश रिपोर्ट्स को वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री के कार्यालय में लंबित रखा गया. इनमें "राज्य वित्त ऑडिट रिपोर्ट", "वाहन वायु प्रदूषण पर प्रदर्शन ऑडिट" और "सार्वजनिक उपक्रमों एवं सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों" से संबंधित रिपोर्ट्स शामिल हैं. यह देरी सवाल खड़े करती है कि आखिरकार इतने समय तक रिपोर्ट्स पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया.
रिपोर्ट्स पर तेजी, लेकिन देरी बरकरार: 2024 में पेश की गई रिपोर्ट्स में कुछ सुधार देखा गया, लेकिन देरी का सिलसिला फिर भी जारी रहा. "शराब आपूर्ति और नियमन" पर प्रदर्शन ऑडिट रिपोर्ट को 278 दिनों तक और "राज्य वित्त ऑडिट रिपोर्ट" को 153 दिनों तक लंबित रखा गया. हालांकि, "दिल्ली परिवहन निगम के कामकाज" और "सार्वजनिक उपक्रमों" से जुड़ी रिपोर्ट्स को मात्र दो दिनों में निपटा दिया गया, जो सकारात्मक संकेत है.
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स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष फोकस: सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर रिपोर्ट को भी लंबित रखा गया. यह रिपोर्ट महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसमें दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता और मौजूदा खामियों पर प्रकाश डाला गया है.
प्रश्नों के घेरे में सरकार की पारदर्शिता: सीएजी की इस रिपोर्ट से आम आदमी पार्टी सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल उठना लाज़िमी है. विधानसभा में इन रिपोर्ट्स के पेश होने के बाद विपक्षी दल सरकार से जवाब मांग सकते हैं कि आखिर इतनी देरी क्यों हुई और इसका असर प्रशासनिक कार्यों पर कैसे पड़ा. विधानसभा में इन रिपोर्ट्स पर चर्चा के दौरान गर्मागर्म बहस होने की संभावना है, क्योंकि ये रिपोर्ट्स वर्तमान में आम आदमी पार्टी की पूर्व सरकार के कामकाज की पारदर्शिता पर सीधे सवाल खड़े करती हैं.
अरविंद केजरीवाल का जेल जाना तय: बीजेपी विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा; ''अरविंद केजरीवाल ने जो घपला किया है वो जेल जाएंगे. इसमें केजरीवाल की पत्नी भी शामिल हैं. हाईकोर्ट के कहने के बावजूद भी इन्होंने सीएजी की रिपोर्ट को पेश नहीं किया था. हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना का भी केस बनेगा. मैं यह दावे के साथ कहता हूं कि आने वाले समय में केजरीवाल पर बहुत बड़ी मुसीबत आने वाली है. दिल्ली जल बोर्ड में इतने घोटाले हुए हैं कि आप इसे समझ नहीं सकते हैं. केजरीवाल चारों तरफ से घिर चुके हैं या तो यह छुपने के लिए पंजाब जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी पंजाब में भी दो तिहाई की मेजोरिटी लेकर आ रही है."
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