रुड़की (उत्तराखंड): हरिद्वार के रुड़की सिविल अस्पताल प्रशासन पर एक शख्स ने पत्नी की डिलीवरी के दौरान उसका बच्चा चोरी करने का आरोप लगाया है. इस मामले के बाद अस्पताल विवादों के चर्चाओं में हैं. शख्स अस्पताल के उच्चाधिकारियों से लेकर पुलिस पर भी अपनी गुहार लगा चुका है. दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन और पुलिस के बीच भी उलझन बढ़ती जा रही है.
जानें पूरा मामलाःहरिद्वार के मंगलौर कोतवाली क्षेत्र निवासी गुलाब सिंह ने बताया कि 20 मई को वह पत्नी को लेकर डिलीवरी के लिए मंगलौर के गुरुकुल नारसन स्थित सीएचसी सेंटर पहुंचा. जहां से उनको रुड़की सिविल अस्पताल के लिए रेफर किया गया. एंबुलेंस के जरिए वो अपनी पत्नी को रुड़की सिविल अस्पताल लेकर आया. 20 मई की शाम ही रुड़की सिविल अस्पताल में डिलवरी के दौरान एक बच्चे की डिलीवरी हुई लेकिन वह मृत था, जबकि दूसरे बच्चे के लिए डॉक्टरों ने ये कहकर रेफर कर दिया कि बच्चा गर्भ में चिपका हुआ है और वहां उसका इलाज संभव नहीं है. इसके बाद उन्हें एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया गया. दरअसल, अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर व्यक्ति ने बताया था कि महिला के गर्भ में जुड़वां बच्चे हैं.
वहीं, एम्स पहुंचने पर एम्स चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि बच्चा गर्भ में मौजूद ही नहीं है. इसके बाद परिजन वापस रुड़की सिविल अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों से दूसरे बच्चे के बारे में जानकारी ली. लेकिन डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड में ही गड़बड़ होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया जबकि पीड़ित ने सबूत के तौर पर दो अलग-अलग अल्ट्रासाउंड सेंटर के रिपोर्ट दिखाई, जिसमें जुड़वां शिशु गर्भ में पलने की बात कही गई है. इसके बाद पीड़ित ने 22 मई को गंगनहर कोतवाली पहुंचकर मामले में तहरीर देकर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.