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रुड़की को जिला बनाने का जिन्न फिर आया बाहर, लोजमो समेत कई पार्टियों ने उठाई मांग - ROORKEE DISTRICT DEMAND

फिर बाहर निकला नए जिलों का जिन्न, रुड़की को जिला बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन,लोकतांत्रिक जनमोर्चा को मिला कांग्रेस, बीजेपी, किसान यूनियन का समर्थन

ROORKEE DISTRICT DEMAND
रुड़की को जिला बनाने की मांग तेज (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 23, 2025, 6:44 PM IST

Updated : Feb 23, 2025, 7:09 PM IST

रुड़की: उत्तराखंड में एक बार फिर से नए जिलों का जिन्न बाहर आ गया है. इस बार हरिद्वार से नए जिले बनाने की मांग उठी है. जहां रुड़की को जिला बनाने की मांग को लेकर लोकतांत्रिक जनमोर्चा ने आवाज मुखर कर दी है. साथ ही धरना प्रदर्शन कर जल्द मांग पूरी करने को कहा है.

दरअसल, लोकतांत्रिक जनमोर्चा (लोजमो) के संयोजक सुभाष सैनी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर एक बार फिर से रुड़की को जिला बनाने की मांग की गई. यह धरना प्रदर्शन रुड़की के चंद्रशेखर चौक पर किया गया. इस दौरान कांग्रेस, बीजेपी कार्यकर्ता, किसान यूनियन के पदाधिकारियों समेत तमाम राजनीतिक और राजनीतिक लोगों का भी लोजमो के इस धरने को समर्थन मिला. उन्होंने एक सुर में रुड़की को जल्द से जल्द जिला बनाने की मांग रखी.

रुड़की को जिला बनाने की मांग (फोटो- ETV Bharat)

लोकतांत्रिक जनमोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि रुड़की वासियों को हरिद्वार जाने के लिए 30 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है. रुड़की जिला बनेगा तो यहां के लोगों को योजनाओं का लाभ मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार भी बढेगा. उन्होंने कहा कि रुड़की को जिला बनाने के लिए सभी संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है.

रुड़की को जिला बनाने के लिए चलाया जाएगा हस्ताक्षर अभियान: वहीं, शिक्षाविद डॉक्टर रकम सिंह ने कहा कि दो दशकों से रुड़की को जिला बनाने की मांग चली आ रही है और सरकार को जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए रुड़की को जिला घोषित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रुड़की को जिला बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा. वहीं, धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस, बीजेपी कार्यकर्ताओं समेत किसान यूनियन के पदाधिकारियों का भी समर्थन मिला.

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लोकतांत्रिक जनमोर्चा समेत अन्य संगठन के पदाधिकारी (फोटो- ETV Bharat)

बड़े जिलों में नए जिलों की उठती रही मांगः राज्य स्थापना से पहले से ही उत्तराखंड के कुछ जिले ऐसे रहे, जिनका क्षेत्रफल ज्यादा था. इसी वजह से दूर दराज और जिला मुख्यालयों से कटे होने की वजह से कई क्षेत्रों में नए जिलों के पुनर्गठन की मांग उठी. इसमें खासकर चमोली जिला रहा, जिसका क्षेत्रफल काफी ज्यादा था. जिसमें थराली, गैरसैंण और कर्णप्रयाग को जिला बनाने की मांग शामिल रही.

इसके अलावा हरिद्वार में भी रुड़की को जिला बनाने की मांग उठाई गई है. उधर, उत्तरकाशी में यमुनोत्री, पिथौरागढ़ में डीडीहाट और पौड़ी में कोटद्वार समेत उधम सिंह नगर में काशीपुर को जिला बनाए जाने की मांग उठती रही है. चुनावी मौसम नए जिले की मांग उठती रहती है, लेकिन यह ठंडे बस्ते में चला जाता है. ये सिर्फ चुनावी जुमले साबित होते हैं.

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रुड़की: उत्तराखंड में एक बार फिर से नए जिलों का जिन्न बाहर आ गया है. इस बार हरिद्वार से नए जिले बनाने की मांग उठी है. जहां रुड़की को जिला बनाने की मांग को लेकर लोकतांत्रिक जनमोर्चा ने आवाज मुखर कर दी है. साथ ही धरना प्रदर्शन कर जल्द मांग पूरी करने को कहा है.

दरअसल, लोकतांत्रिक जनमोर्चा (लोजमो) के संयोजक सुभाष सैनी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर एक बार फिर से रुड़की को जिला बनाने की मांग की गई. यह धरना प्रदर्शन रुड़की के चंद्रशेखर चौक पर किया गया. इस दौरान कांग्रेस, बीजेपी कार्यकर्ता, किसान यूनियन के पदाधिकारियों समेत तमाम राजनीतिक और राजनीतिक लोगों का भी लोजमो के इस धरने को समर्थन मिला. उन्होंने एक सुर में रुड़की को जल्द से जल्द जिला बनाने की मांग रखी.

रुड़की को जिला बनाने की मांग (फोटो- ETV Bharat)

लोकतांत्रिक जनमोर्चा के संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि रुड़की वासियों को हरिद्वार जाने के लिए 30 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है. रुड़की जिला बनेगा तो यहां के लोगों को योजनाओं का लाभ मिलेगा और युवाओं के लिए रोजगार भी बढेगा. उन्होंने कहा कि रुड़की को जिला बनाने के लिए सभी संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है.

रुड़की को जिला बनाने के लिए चलाया जाएगा हस्ताक्षर अभियान: वहीं, शिक्षाविद डॉक्टर रकम सिंह ने कहा कि दो दशकों से रुड़की को जिला बनाने की मांग चली आ रही है और सरकार को जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए रुड़की को जिला घोषित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रुड़की को जिला बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा. वहीं, धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस, बीजेपी कार्यकर्ताओं समेत किसान यूनियन के पदाधिकारियों का भी समर्थन मिला.

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लोकतांत्रिक जनमोर्चा समेत अन्य संगठन के पदाधिकारी (फोटो- ETV Bharat)

बड़े जिलों में नए जिलों की उठती रही मांगः राज्य स्थापना से पहले से ही उत्तराखंड के कुछ जिले ऐसे रहे, जिनका क्षेत्रफल ज्यादा था. इसी वजह से दूर दराज और जिला मुख्यालयों से कटे होने की वजह से कई क्षेत्रों में नए जिलों के पुनर्गठन की मांग उठी. इसमें खासकर चमोली जिला रहा, जिसका क्षेत्रफल काफी ज्यादा था. जिसमें थराली, गैरसैंण और कर्णप्रयाग को जिला बनाने की मांग शामिल रही.

इसके अलावा हरिद्वार में भी रुड़की को जिला बनाने की मांग उठाई गई है. उधर, उत्तरकाशी में यमुनोत्री, पिथौरागढ़ में डीडीहाट और पौड़ी में कोटद्वार समेत उधम सिंह नगर में काशीपुर को जिला बनाए जाने की मांग उठती रही है. चुनावी मौसम नए जिले की मांग उठती रहती है, लेकिन यह ठंडे बस्ते में चला जाता है. ये सिर्फ चुनावी जुमले साबित होते हैं.

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Last Updated : Feb 23, 2025, 7:09 PM IST
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