ETV Bharat / bharat

IFS संजीव चतुर्वेदी की सुनवाई से दो जजों ने किया इनकार, अबतक 13 ने न्यायिक रूप से खुद को किया अलग - IFS OFFICER SANJEEV CHATURVEDI

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के दो न्यायाधीशों ने आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया.

IFS OFFICER SANJEEV CHATURVEDI
IFS संजीव चतुर्वेदी की सुनवाई से दो जजों ने किया इनकार (FILE PHOTO- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 23, 2025, 5:08 PM IST

Updated : Feb 23, 2025, 8:50 PM IST

देहरादूनः केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के दो न्यायाधीशों ने खुद को आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मामले से अलग कर लिया है. संजीव चतुर्वेदी के मामले में अब तक 13 न्यायाधीश खुद को न्यायिक रूप से अलग कर चुके हैं. दरअसल संजीव चतुर्वेदी ने अपनी प्रति नियुक्ति और मूल्यांकन रिपोर्ट से जुड़े मामले में कोर्ट की शरण ली है. उधर न्यायिक रूप से अलग होने के मामले में जानकार इसे एक तरह का रिकॉर्ड भी मान रहे हैं.

उत्तराखंड में तैनात भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार उनको लेकर यह चर्चा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चल रहे उनके मामले को लेकर हो रही है. दरअसल हाल ही में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के दो न्यायाधीशों ने खुद को संजीव चतुर्वेदी के मामले से अलग किया है. जिसके बाद उनके मामलों में न्यायिक रूप से अलग होने वालों की संख्या 13 हो गई है. खास बात यह है कि कानूनी जानकारी इसे भी एक तरह का रिकॉर्ड मान रहे हैं. खुद आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने न्यायाधीशों के मामले से अलग होने की बात की पुष्टि की है.

बड़ी बात यह है कि आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मामले से अलग होने की ये स्थिति किसी एक कोर्ट की नहीं है. बल्कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट और दिल्ली, इलाहाबाद बेंच तक में भी ये स्थिति बन चुकी है.

संजीव चतुर्वेदी को मिल चुका है रेमन मैग्सेसे पुरस्कार: भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी इस समय उत्तराखंड में अनुसंधान की जिम्मेदारी देख रहे हैं. व्हिसलब्लोवर (भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला) संजीव चतुर्वेदी को साल 2015 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार भी मिल चुका है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ चुके कई लड़ाई: संजीव चतुर्वेदी हरियाणा से लेकर दिल्ली तक में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे हैं. इसके अलावा प्रशासनिक सेवा से जुड़े मामलों में भी वह लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. इस दौरान अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट को लेकर भी उन्होंने चुनौती दी है. साथ ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति के मामले में भी वह लगातार कोर्ट की शरण लिए हुए हैं.

ये जज कर चुके हैं खुद को मामले से अलग: भारतीय वन सेवा के अफसर संजीव चतुर्वेदी के मामले में अब तक सुप्रीम कोर्ट के दो जज, नैनीताल हाई कोर्ट के दो जज, कैट चेयरमैन, शिमला में ट्रायल कोर्ट के जज और दिल्ली के अलावा इलाहाबाद बैंच के सात कैट जज खुद को न्यायिक रूप से अलग कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः IFS अफसर संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर जारी हुआ नोटिस, डीओपीटी सेक्रेटरी पर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का है मामला

देहरादूनः केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के दो न्यायाधीशों ने खुद को आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मामले से अलग कर लिया है. संजीव चतुर्वेदी के मामले में अब तक 13 न्यायाधीश खुद को न्यायिक रूप से अलग कर चुके हैं. दरअसल संजीव चतुर्वेदी ने अपनी प्रति नियुक्ति और मूल्यांकन रिपोर्ट से जुड़े मामले में कोर्ट की शरण ली है. उधर न्यायिक रूप से अलग होने के मामले में जानकार इसे एक तरह का रिकॉर्ड भी मान रहे हैं.

उत्तराखंड में तैनात भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार उनको लेकर यह चर्चा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में चल रहे उनके मामले को लेकर हो रही है. दरअसल हाल ही में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के दो न्यायाधीशों ने खुद को संजीव चतुर्वेदी के मामले से अलग किया है. जिसके बाद उनके मामलों में न्यायिक रूप से अलग होने वालों की संख्या 13 हो गई है. खास बात यह है कि कानूनी जानकारी इसे भी एक तरह का रिकॉर्ड मान रहे हैं. खुद आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने न्यायाधीशों के मामले से अलग होने की बात की पुष्टि की है.

बड़ी बात यह है कि आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के मामले से अलग होने की ये स्थिति किसी एक कोर्ट की नहीं है. बल्कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट और दिल्ली, इलाहाबाद बेंच तक में भी ये स्थिति बन चुकी है.

संजीव चतुर्वेदी को मिल चुका है रेमन मैग्सेसे पुरस्कार: भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी इस समय उत्तराखंड में अनुसंधान की जिम्मेदारी देख रहे हैं. व्हिसलब्लोवर (भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला) संजीव चतुर्वेदी को साल 2015 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार भी मिल चुका है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ चुके कई लड़ाई: संजीव चतुर्वेदी हरियाणा से लेकर दिल्ली तक में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे हैं. इसके अलावा प्रशासनिक सेवा से जुड़े मामलों में भी वह लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. इस दौरान अपनी मूल्यांकन रिपोर्ट को लेकर भी उन्होंने चुनौती दी है. साथ ही केंद्र में प्रतिनियुक्ति के मामले में भी वह लगातार कोर्ट की शरण लिए हुए हैं.

ये जज कर चुके हैं खुद को मामले से अलग: भारतीय वन सेवा के अफसर संजीव चतुर्वेदी के मामले में अब तक सुप्रीम कोर्ट के दो जज, नैनीताल हाई कोर्ट के दो जज, कैट चेयरमैन, शिमला में ट्रायल कोर्ट के जज और दिल्ली के अलावा इलाहाबाद बैंच के सात कैट जज खुद को न्यायिक रूप से अलग कर चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः IFS अफसर संजीव चतुर्वेदी की याचिका पर जारी हुआ नोटिस, डीओपीटी सेक्रेटरी पर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना का है मामला

Last Updated : Feb 23, 2025, 8:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.