देहरादून: विधानसभा में पहाड़ी समुदाय पर वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का बयान इन दिनों सुर्खियों में है. बयान को लेकर प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसके साथ ही प्रेमचंद अग्रवाल को मंत्रिमंडल से निष्कासित करने की मांग भी जोर पकड़ रही है. इसी कड़ी में अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत का बयान सामने आया है. हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कैबिनेट मंत्री को राज्य एकता पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का अनुरोध किया है.
हरीश रावत ने कहा इस बार के विधानसभा सत्र में हुई घटनाएं व्यक्तिगत मानसिकता नहीं बल्कि सत्ता की मानसिकता को दर्शाती हैं. सत्ता अहंकार में है. सत्ता के पास उत्तराखंड को समझने की क्षमता नहीं है, इसलिए उनके मंत्री और विधायक यदा कदा कुछ ऐसे बयान दे देते हैं, जिससे राज्य निर्माण की मूल भावनाओं को ठेस पहुंचती है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा-
यहां के लोगों ने बलिदान देकर उत्तराखंड राज्य बनाया है. यह राज्य इसलिए नहीं बनाया कि उनका निरंतर अपमान किया जाये. समाज का गुस्सा व्यक्ति पर नहीं बल्कि उस व्यक्ति के पीछे क्या मानसिकता काम कर रही है, उसके पीछे कौन सी शक्तियां खड़ी हैं, उस पर लक्ष्य करना चाहिए. जिस पार्टी को लोगों ने सब कुछ दे दिया अगर उस पार्टी के कुछ लोग उत्तराखंड की अस्मिता और भावना को ठेस पहुंचाने वाली बातें करते हैं तो फिर इसका दोषी कौन है? दोषी वह है, जो इस घटना पर सदन में मौन रहे. दोषी वे हैं जो बाहर भी मौन हैं.
इसके साथ ही हरीश रावत ने यूसीसी को लेकर भी धामी सरकार को घेरा. उन्होंने यूसीसी को लेकर भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया है. हरीश रावत ने कहा समान नागरिक संहिता पर कांग्रेस के विरोध को देखते हुए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सभी विधायकों को यह निर्देशित किया है, जब भी अपने विधानसभा क्षेत्र में जाएं, तो वहां एक बड़े पोस्टर पर यह जरूर लिखें, कि लिव इन रिलेशन की धरती उत्तराखंड में आपका स्वागत है. उस पोस्टर के नीचे यह भी लिखें कि रोजगार नहीं दिया तो फिर क्या हुआ, लेकिन हमने लिव इन रिलेशनशिप का कानून बनाकर आपको दे दिया है.
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