देहरादून (उत्तराखंड) : अगर सब कुछ समय और प्लान से हुआ तो जल्द ही केदारनाथ की तरह उत्तराखंड का एक और जगह शिव नगरी के रूप में विकसित हो जाएगा. जी हां, आदि कैलाश के दौरे के बाद पीएम मोदी पिथौरागढ़ के गुंजी को शिव नगरी के रूप में विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं. जिसको लेकर खुद पीएम मोदी ने भी रुचि दिखाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही भारत चीन सीमा पर बसा गुंजी शिव की नगरी के फेमस हो जाएगा.
गुंजी को शिव नगरी के रूप में विकसित करने का ऐलान: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीती रोज यानी 7 मार्च को जम्मू कश्मीर के दौरे पर रहे. जहां उन्होंने देश के तमाम राज्यों के पर्यटन स्थलों का जिक्र किया. साथ उन्होंने स्वदेश दर्शन योजना 2.0 और प्रसाद योजना के अंतर्गत 1400 करोड़ रुपए से ज्यादा की 52 पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया. इस योजना में पीएम मोदी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित गुंजी को शिव नगरी के रूप में विकसित करने का भी ऐलान किया.
आदि कैलाश के दर्शन करते पीएम मोदी (फोटो- X@narendramodi) पहले फेज में होंगे ये काम: वहीं, पहले फेज में गुंजी में ग्रामीण पर्यटन कलस्टर के रूप में विकास काम किए जाएंगे. साथ ही चंपावत जिले में चंपावत टी गार्डन एक्सपीरियंस (Champawat Tea Garden Experience) विकसित किया जाना प्रस्तावित है. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह दोनों स्थल भी दुनियाभर में फेमस हो जाएंगे. जहां दोनों जगहों पर भक्तों और सैलानियों का जमावड़ा लगेगा.
आदि कैलाश और पार्वती कुंड के पास ध्यानमग्न पीएम मोदी (फोटो- X@narendramodi) भारत चीन सीमा पर स्थित है गुंजी: बता दें कि उत्तराखंड का पिथौरागढ़ एक सीमांत जिला है. जिसकी अंतरराष्ट्रीय सीमाएं चीन और नेपाल से लगती है. गुंजी गांव भी चीन सीमा के नजदीक है. जो हिमालय की गोद में बसा खूबसूरत गांव है. यहां शिवत्व का एहसास होता है. चारों तरफ हिमालय और खूबसूरत नजारे इस जगह को और भी अलौकिक बना देते हैं. गुंजी काफी ऊंचाई पर स्थित जगह है.
पीएम मोदी की घोषणा के बाद गदगद सीएम धामी: उत्तराखंड के लिए पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद सीएम पुष्कर धामी भी बेहद खुश हैं. सीएम धामी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश, गुंजी, पार्वती कुंड भ्रमण से इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से वैश्विक पहचान मिली है. वहीं, पिथौरागढ़ और चंपावत की योजनाएं पर्यटन को नया आयाम देने का काम करेगा.
गुंजी में होगा आध्यात्मिक का एहसास: बता दें कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की ओर से संचालित 'स्वदेश दर्शन योजना 2.0' के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन को विकसित किए जाने की परिकल्पना की गई है. ताकि, वहां के स्थानीय पर्यटन को उत्तराखंड के मुख्य गंतव्य के साथ जोड़ा जा सके. जिसके तहत पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गुंजी गांव को शिव नगरी के रूप में विकसित किया जाना प्रस्तावित है. ताकि, वहां पर आध्यात्मिक का एहसास किया जा सके.
खास होगा पर्यटन सुविधा केंद्र: वहीं, पहले चरण में गुंजी 1.4 एकड़ भूमि पर पर्यटन सुविधा केंद्र बनाया जाएगा. ताकि, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के स्थानीय उत्पाद, संस्कृति, विलेज टूर, आर्ट आदि को बढ़ावा दिया जा सके. पर्यटन सुविधा केंद्र को स्थानीय वास्तुविद, स्थानीय भौगोलिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा. जबकि, चंपावत चाय बगान को सस्टेनेबल इको फ्रेंडली मार्केट (Sustainable Eco Friendly Market) के रूप में विकसित किया जाएगा.
12 अक्टूबर 2023 को गुंजी पहुंचे थे पीएम मोदी: गौर हो कि 12 अक्टूबर 2023 को पीएम मोदी पिथौरागढ़ दौरे पर आए थे. जहां उन्होंने गुंजी पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती कुंड के दर्शन किए. जहां कुमाऊं में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और मंदिरों के विकास पर वार्ता हुई. यही वजह है कि अब मानसखंड माला मिशन के तहत कुमाऊं के 16 मंदिरों का कायाकल्प किया जा रहा है. इसके लिए बकायदा 30 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए गए हैं.
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