देहरादून: उत्तराखंड में यातायात व्यवस्थाओं को बड़े स्तर पर बदलने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की तरफ से खास तौर पर पर्वतीय जनपदों के लिए खास प्लान तैयार किया गया है. जिसके तहत पहाड़ी जिलों में अनुबंधित बसों को संचालित नहीं किया जाएगा. परिवहन निगम ने निर्णय लिया है कि अब परिवहन विभाग अपनी नई बसों को ही पर्वतीय जनपदों में संचालित करेगा, जबकि पर्वतीय जनपदों में चल रही अनुबंधित बसें अब मैदानी जनपदों में चलाई जाएंगी.
उत्तराखंड में करीब 527 अनुबंधित बसें संचालित: उत्तराखंड में करीब 527 अनुबंधित बसें चल रही हैं. इसमें वोल्वो, जनरथ और नॉर्मल बसें शामिल हैं. इनमें से पर्वतीय जनपदों में करीब 10 से ज्यादा अनुबंधित बसें फिलहाल संचालित की जा रही हैं. जिनमें अब बदलाव करने की तैयारी हो रही है. शासन से मिली जानकारी के अनुसार अनुबंधित बसें संचालित करने वाले संचालक पर्वतीय जनपदों में बसों का संचालन करने से कुछ परहेज करते हैं. ऐसे में निगम खुद नई बेहतर बसों के साथ यात्रियों को सुरक्षित यात्रा करवाएगा.
उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसों पर कर रहा फोकस: उत्तराखंड परिवहन निगम राज्य में नई बसों पर फोकस कर रहा है, इसीलिए धीरे-धीरे पुरानी बसों को बेड़े से बाहर करते हुए नई बसों की खरीद हो रही है. पिछले साल करीब अक्टूबर महीने के आसपास उत्तराखंड परिवहन निगम को 130 नई BS6 बसें मिल चुकी हैं. जिनका संचालन प्रदेश में और दिल्ली तक जोड़ते हुए किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ जल्द ही परिवहन निगम 100 नई बसों को भी खरीदने जा रहा है, इसके लिए कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
यात्रियों को नया विकल्प देने पर भी ध्यान: उत्तराखंड परिवहन विभाग यात्रियों की सुविधाओं पर फोकस करते हुए उन्हें यात्रा के लिए बेहतर विकल्प देने का भी काम कर रहा है. इस दिशा में अब परिवहन निगम AC बसें चलाने पर विचार कर रहा है. यह बसें अनुबंध के आधार पर विभिन्न रूट में चलाई जाएंगी. फिलहाल अनुबंधित बसों में केवल वोल्वो और नॉर्मल बेस ही चल रही हैं. वोल्वो बसों में किराया बेहद ज्यादा है. वहीं, नॉर्मल बसों में सुविधाओं की थोड़ा कमी दिखाई देती है. ऐसे में तीसरे विकल्प के रूप में AC बस संचालित होगी, जो मध्य वर्ग के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है.
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